CBSE Answer book evaluation: उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों ने की आनाकानी तो लगेगा 50,000 फाइन
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं और 12वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों ने आनाकानी की तो उन पर 50000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। CBSE Answer Book Evaluation : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) की परीक्षाएं जारी रहने के साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य भी शुरू हो चुका है। इसी के साथ मूल्यांकन में कोताही बरतने वाले शिक्षकों पर सख्ती भी शुरू हो गई है। इस बाबत CBSE ने मूल्यांकन कार्य में जटे शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के लिए एक सर्कुलर भी जारी किया है। इसके तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं और 12वीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों ने आनाकानी की तो उन पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी के साथ गंभीर बीमारी वाले शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में छूट दी जाएगी, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा।
इसके तहत मूल्यांकन कार्य में शिक्षकों को राहत पाने के लिए बीमारी और ठोस पारिवारिक कारण बताने होंगे। किसी भी बीमार शिक्षकों के मूल्यांकन कार्य से राहत पाने के लिए किसी सरकारी अस्पताल से ही जारी मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा, जिसका सत्यापन मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया गया हो।
इस सर्कुलर के जारी करने का मकसद यह है कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में किसी तरह की कोई बाधा नहीं आए और समय पर परीक्षा परिणाम घोषित किया जा सके।
स्कूल प्रधानाचार्य पर भी लगेगा 50,000 का जुर्माना
इसी के साथ शिक्षकों से ठीक से मूल्यांकन का काम नहीं लेने पर प्रधानाचार्यों पर CBSE 50,000 रुपये का जुर्माना लगाएगा।
बता दें कि बोर्ड परीक्षाएं खत्म होने के साथ ही उत्तर पुस्कतिकाएं जांचने के लिए CBSE देश भर के केंद्रों में भेजता है। उतर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए CBSE तमान स्कूलों से अनुभवीं शिक्षकों की नियुक्तियां करता है l हर शिक्षक को प्रति कॉपी के हिसाब से पैसे भी दिए जाते हैं।
उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान उसमें लिखा नाम और रोल नंबर भी हटा दिया जाता है और उसके स्थान पर एक गुप्त कोड लिखा जाता है, जिसकी जानकारी सिर्फ बोर्ड से जुड़े स्टाफ को ही होती है। इसके पीछे उत्तर पुस्तिकाओं के मुल्यांकन में पारदर्शिता लाना होता है।