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Upper Caste Reservation in DU: 10% आरक्षण के दायरे में आते हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर

ईडब्ल्यूएस के तहत 10 फीसद आरक्षण मिलेगा। इससे डीयू में कुल 25 फीसद सीटें बढ़ेंगी इस वर्ष 10 फीसद और अगले वर्ष 15 फीसद सीटें बढ़ाई जाएंगी।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 01:51 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 07:14 PM (IST)
Upper Caste Reservation in DU: 10% आरक्षण के दायरे में आते हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर
Upper Caste Reservation in DU: 10% आरक्षण के दायरे में आते हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) स्नातक में दाखिले के लिए इस वर्ष आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए अलग कटऑफ निकालेगा। केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए (ईडब्ल्यूएस कोटा) कानून बनाया है, जिसे इस वर्ष देश भर के शिक्षण संस्थानों में लागू करने का निर्देश है। ईडब्ल्यूएस के तहत 10 फीसद आरक्षण मिलेगा। इससे डीयू में कुल 25 फीसद सीटें बढ़ेंगी, इस वर्ष 10 फीसद और अगले वर्ष 15 फीसद सीटें बढ़ाई जाएंगी।

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डीयू इस सप्ताह स्नातक की दाखिला प्रक्रिया शुरू कर सकता है, जिसकी तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। जल्द ही परास्नातक और शोध पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए भी ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। डीयू की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य प्रो. रसाल सिंह ने बताया कि इस वर्ष स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए ईडब्ल्यूएस के लिए अलग कटऑफ निकाला जाएगा। पिछले साल तक सामान्य, एससी, एसटी और ओबीसी के लिए ही कटऑफ जारी किया जाता था।

दाखिले को लेकर बना नया नियम

प्रो. रसाल सिंह ने बताया है कि डीयू की स्टैंडिंग कमेटी की हाल ही में बैठक हुई थी। दाखिले को लेकर इसमें नया नियम बनाया गया है। इसके तहत अनारक्षित वर्ग यानी सामान्य वर्ग का कटऑफ नीचे जाते ही उसमें आरक्षित वर्ग के छात्रों का अपने आप ट्रांसफर हो जाएगा। अगर डीयू के किसी कॉलेज ने बीकॉम ऑनर्स सामान्य वर्ग का पहला कटऑफ 97 फीसद, ओबीसी में 96, एससी में 92 और एसटी में 91 फीसद निर्धारित किया है तो सामान्य वर्ग के दूसरे कटऑफ के नीचे जाने पर 96 फीसद ओबीसी में प्रवेश लेने वाले छात्र सामान्य श्रेणी में ट्रांसफर हो जाएंगे।

यह नया नियम सभी आरक्षित वर्गों पर लागू होगा। इस प्रकार सामान्य श्रेणी की सभी कटऑफ सूचियों के नीचे आते ही आरक्षित वर्ग के छात्रों का सामान्य वर्ग में अपने आप ट्रांसफर हो जाएगा। इससे आरक्षित वर्ग की सीट खाली हो जाएगी और उसमें दूसरे उसी वर्ग के छात्र दाखिला ले सकेंगे। आरक्षित वर्ग को जो सुविधाएं दी जाती हैं, वे सुविधाएं उनका दाखिला सामान्य वर्ग की सीटों में होने के बाद भी दी जाएंगी। छात्रवास, छात्रवृत्ति समेत अन्य सुविधाओं में उनकी दावेदारी रहेगी।

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में इस वर्ष आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को आरक्षण के तहत दाखिले दिए जाएंगे। इसको लेकर छात्र व अभिभावक डीयू प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं। कई अभिभावकों का कहना है कि सीबीएसई के 12वीं के नतीजे आने के बाद से ही उनके मन में सवाल उठ रहे थे कि डीयू में ईडब्ल्यूएस के तहत दाखिले के लिए किन-किन सर्टिफिकेट की जरूरत होगी। क्या ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा? यह सर्टिफिकेट कहां से मिलेगा? डीयू प्रशासन से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में अधिसूचना जल्द जारी हो सकती है। इसके बाद सब स्पष्ट हो जाएगा। ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत दाखिला लेने पर दस्तावेजों का सत्यापन भी किया जा सकता है। डीयू की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य प्रो. रसाल सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले ही अधिसूचना जारी कर दी थी। डीयू भी अधिसूचना जल्द जारी कर सकता है।

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में परास्नातक (पीजी) में दाखिले की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की संभावना है। पीजी में दाखिले के लिए डीयू के छात्रों के लिए 50 फीसद सीटें आरक्षित होती हैं। इस वर्ष एक और फैसला छात्रों के हित में हुआ है। इसके तहत पीजी कोर्स में छात्रों को किस कॉलेज में दाखिला देना है यह डीयू के विभाग निर्धारित करेंगे।

स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य प्रो. रसाल सिंह ने बताया कि डीयू के पीजी कोर्स में मेरिट यानी नंबरों के आधार पर या प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला दिया जाता है। इस बार डीयू के विभाग छात्रों के नंबरों के आधार पर तय करेंगे कि उन्हें किस कॉलेज में दाखिला दिया जाना है। इससे पहले डीयू के कंप्यूटर सेंटर द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से पीजी कोर्स के छात्रों के दाखिले तय किए जाते थे। इससे कई प्रतिभावान छात्रों को उनकी पसंद के कॉलेज में दाखिला नहीं मिला पाता था।

डीयू के पीजी कोर्स में कैसे होता है दाखिला

डीयू के पीजी कोर्स में दाखिले के लिए बाहर के शिक्षण संस्थानों के छात्रों को प्रवेश परीक्षा देनी होती है। वहीं, डीयू में कुछ पीजी कोर्स ऐसे भी हैं, जिनमें डीयू से स्नातक कर चुके छात्रों को भी प्रवेश परीक्षा में बैठना होता है। इनमें बीएमएस, बीबीए (एफआइए) जैसे कोर्स शामिल हैं। कई पीजी कोर्स में स्नातक कर चुके डीयू के छात्रों को नंबरों के आधार पर दाखिला दिया जाता है।

छात्रा को हाई कोर्ट से राहत, दे सकेगी परीक्षा

कक्षा में उपस्थिति कम होने के कारण परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलने के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की छात्रा को राहत मिली है। न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने डीयू प्रशासन को निर्देश दिया कि वह छात्रा को परीक्षा में बैठने दे और प्रवेश पत्र जारी करे। डीयू प्रशासन व विवेकानंद कॉलेज को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। पीठ ने यह भी निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता का परीक्षा परिणाम सील करके रखें और अदालत का फैसला आने के बाद ही जारी करें। हाई कोर्ट अब अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी। डीयू के अनुसार परीक्षा में बैठने के लिए 66 फीसद उपस्थिति अनिवार्य है, जबकि याचिकाकर्ता छात्र की उपस्थिति 60.84 फीसद है। वहीं, छात्रा ने दावा किया है कि उसकी उपस्थिति 63.62 फीसद है। पीठ ने इस पर कहा कि उपस्थिति पर विवाद है और उपस्थिति रजिस्टर देखने के बाद ही सही तथ्य का पता चल सकेगा। ऐसे में छात्रा को परीक्षा में शामिल होने दिया जाए, क्योंकि बाद में छात्रा का दावा सही निकला तो परीक्षा नहीं देने के कारण उसका एक शैक्षणिक सत्र खराब हो सकता है।

केंद सरकार की अधिसूचना की प्रमुख बातें

  • ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए परिवार की सालाना आय आठ लाख रुपये तक होनी चाहिए।
  •  परिवार के पास यदि पांच एकड़ या इससे अधिक खेती की जमीन है तो ईडब्ल्यूएस की श्रेणी में नहीं आएंगे।
  •  एक हजार वर्ग फीट या इससे ऊपर का रिहायशी फ्लैट है तो ईडब्ल्यूएस की श्रेणी में नहीं आएंगे।
  •  100 गज या इससे अधिक के रिहायशी प्लॉट अधिसूचित नगर निगम के अंतर्गत है तो ईडब्ल्यूएस की श्रेणी में नहीं आएंगे।
  •  200 गज या इससे अधिक के रिहायशी प्लॉट अधिसूचित नगर निगम से बाहर है तो ईडब्ल्यूएस की श्रेणी में नहीं आएंगे।

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