Move to Jagran APP

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप में हो कोविड जैसी परिस्थिति के निपटने का समावेश: अभाविप

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 26 सूत्री ज्ञापन सौंप कर शिक्षा से जुड़े विभिन्न प्रयोग पर अपने सुझाव ज्ञापित किए हैं।

By Vineet SharanEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 12:43 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 12:44 PM (IST)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप में हो कोविड जैसी परिस्थिति के निपटने का समावेश: अभाविप
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप में हो कोविड जैसी परिस्थिति के निपटने का समावेश: अभाविप

नई दिल्ली, जेएनएन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 26 सूत्री ज्ञापन सौंप कर शिक्षा से जुड़े विभिन्न प्रयोग पर अपने सुझाव ज्ञापित किए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रधानमंत्री को संबोधित अपने ज्ञापन में कोविड-19 की परिस्थिति से निपटने हेतु उपायों के राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समावेश की मांग की है।

loksabha election banner

अभाविप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को COVID 19 के कारण उपजी परिस्थितियों में शिक्षा जगत से जुड़े विभिन्न विषयों पर एक विस्तृत ज्ञापन प्रेषित किया है। ज्ञात हो कि बीते 11-12 मई को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डिजिटल सम्पर्क अभियान के माध्यम से देशभर में 868618 छात्रों से सम्पर्क कर उनसे वर्तमान परिस्थितियों में अकादमिक जगत से संबंधित समस्याओं तथा उनके समाधान हेतु सुझावों पर विस्तृत चर्चा की थी। छात्रों के सुझावों के साथ कुछ अन्य सुझावों को सम्मिलित करते हुए अभाविप ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है।

अभाविप ने अपने ज्ञापन में परीक्षा के विभिन्न स्वरूपों द्वारा परीक्षा आयोजित कराने, अन्तर्विश्वविद्यालयीन स्थानांतरण नीति लाने (महामारी के काल में), विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु आयु तथा शैक्षिक योग्यता में छूट देने, विद्यार्थियों के लिए बीमा नीति, दूरस्थ शिक्षण माध्यम को बढ़ावा देने, छात्रों के लिए परामर्श केंद्र स्थापित करने, संस्थानों का डिजिटल आधुनिकीकरण, ऑनलाइन शिक्षा के नए विकल्प उपलब्ध कराने, कमजोर इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले राज्यों में पाठ्यसामग्री डाक के माध्यम से उपलब्ध कराने, शैक्षणिक संस्थानों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करवाने, सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध होने के बाद ही परीक्षा कराने, छात्रों का प्लेसमेंट/इंटर्नशिप, शोधार्थियों की शोधवृत्ति की समय सीमा को कुछ माह के लिए बढाने आदि मांगों/सुझावों को रखा है।

साथ ही अभाविप ने ज्ञापन में तत्काल सभी विश्वविद्यालयों द्वारा नए अकादमिक सत्र कैलेंडर जारी करने, लिखित परीक्षाओं के बाद ही प्रयोगात्मक परीक्षाएं आयोजित करने, ऑनलाइन शोध प्रबंध जमा करने का विकल्प देने, विद्यार्थियों को सेवाभाव हेतु प्रेरित करने, विद्यार्थियों में कौशल विकास पर ध्यान देने, स्टार्ट अप्स के लिए सरल उपाय करने, शुल्क संबंधी समस्याएं सुलझाने, सामाजिक तथा आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का एक वर्ष का शुल्क माफ करने, शिक्षकों की नई भर्तियां, इस वर्ष के छात्रावासों का शुल्क व मेस शुल्क अगले सत्र में समायोजित करने, छात्रावासों को अच्छी तरह से सेनिटाइज करने, अगले सत्र में छात्रवृत्ति एवं अध्येतावृत्ति बढ़ाने, वर्तमान में पंजीकृत एमफिल/पीएचडी के छात्रों के लिए एक सत्र अध्येतावृत्ति बढ़ाने, नई परिस्थितियों में खेलकूद तथा सांस्कृतिक गतिविधियों की नई राहें तलाशने, मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में सीटें बढ़ाने, निजी मेडिकल शिक्षण संस्थानों की फीस नियंत्रित करने, कृषि विश्वविद्यालयों में नई परिस्थितियों के अनुसार परिवर्तन करने, चिकित्सा तथा तकनीकी क्षेत्र में आवश्यक सुधार करने आदि मांगों को रखा है।

अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, "कोरोना वायरस के कारण करोड़ों की संख्या वाले भारतीय छात्र समुदाय की चिंताएं बहुत बड़ी हैं, हम छात्रों के साथ मिलकर सरकार से शिक्षा जगत की विभिन्न समस्याओं के समाधान की आशा करते हैं। माननीय प्रधानमंत्री को शिक्षा जगत से जुड़े सभी क्षेत्रों जैसे चिकित्सा, कृषि तकनीक, मानविकी, विज्ञान, कॉमर्स की समस्याओं तथा सुझावों से हमने अवगत कराया है। हम आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी छात्रों के सुझाव पर भेजे गए ज्ञापन के बिंदुओं पर विचार करेंगे तथा शीघ्र छात्रों के हितों में निर्णय लिया जाएगा।" 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.