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National Education Day 2020: आज है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, जानें क्यों मनाया जाता है हर साल 11 नवंबर को

National Education Day 2020 मौलाना आजाद के जन्म-दिवस को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर मनाये जाने की घोषणा 11 सितंबर 2008 को की थी। इसके बाद 11 नवंबर 2008 से हर वर्ष आज के दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।

By Rishi SonwalEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 09:36 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 09:46 AM (IST)
National Education Day 2020: आज है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, जानें क्यों मनाया जाता है हर साल 11 नवंबर को
11 नवंबर 1888 को जन्मे मौलाना आजाद 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक शिक्षा मंत्री रहे।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। National Education Day 2020: आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस है। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जन्म-दिवस को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मानाया जाता है। मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था। वे 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक शिक्षा मंत्री रहे। आमतौर पर मौलाना आजाद के नाम से जाने जाने वाले और भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आजाद के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को याद करने करने के लिए उनके जन्म-दिवस को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर मनाये जाने की घोषणा 11 सितंबर 2008 को की गयी थी। इसके बाद 11 नवंबर 2008 से हर वर्ष आज के दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। आज देश भर में विभिन्न अभियान और कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं ताकि लोगो में शिक्षा को लेकर जागरूकता का अधिक प्रसार हो और लोग शिक्षा के प्रति आर्कषित हों।

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस  2020: शिक्षा मंत्री ने दी शुभकामनाएं

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म-दिवस और राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री, भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन एवं राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।“

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस  2020: शिक्षा क्षेत्र में मौलाना अबुल कलाम आजाद के प्रमुख योगदान

मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री रहे और उनका कार्यकाल 11 वर्षो का रहा। उन्होंने ईस्टर्न लर्निंग और लिट्रेचर में रिसर्च को बढ़ावा दिया और फाइन आर्ट्स के विकास के लिए तीन संस्थानों - संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी और ललित कला अकादमी की स्थापना की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के टेक्निकल टर्म्स का हिन्दी में बड़े पैमाने पर संग्रह कराया। मौलाना आजाद ने ही कई महत्वपूर्ण बोर्ड / आयोग का गठन कराया, जिनमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), खड़गपुर इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन, द यूनिवर्सिटी एजुकेशन कमीशन, द सेकेंड्री एजुकेशन कमीशन, प्रमुख हैं। आईआईएससी, स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग, जामिया मिलिया इस्लामिया और आईआईटी खड़गपुर की भी स्थापना मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की।


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