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साइंस/इंजीनियरिंग में नहीं है दिलचस्पी तो चुनें ये रास्ता

अगर साइंस और इंजीनियरिंग में रुचि नहीं है तो आगे इसे ढोने से कोई फायदा नहीं है। मन न लगने के कारण बीटेक में आपका प्रदर्शन प्रभावित होगा।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 09:58 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 09:58 AM (IST)
साइंस/इंजीनियरिंग में नहीं है दिलचस्पी तो चुनें ये रास्ता
साइंस/इंजीनियरिंग में नहीं है दिलचस्पी तो चुनें ये रास्ता

नई दिल्ली [अरुण श्रीवास्तव]। यदि आपको किसी विषय या क्षेत्र में दिलचस्पी नहीं है तो उसको आगे ढोने से कोई फायदा नहीं है। इसके अलावा और क्या करें जब आप अपने करियर या पढ़ाई की किसी समस्या में फंस जाएं, नीचे पढ़ें ऐसे सवालों के समाधान-

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मैं अभी बीटेक सेकंड सेमेस्टर का स्टूडेंट हूं। पर मुझे अब लग रहा है कि मुझसे अब ये इंजीनियरिंग नहीं हो पाएगी। मुझे साइंस में कोई दिलचस्पी नहीं है। मुझे सफाई रखना पसंद है। क्या मैं सफाई प्रबंधन के क्षेत्र में अपना करियर बना सकता हूं? कृपया समाधान दीजिए।

-नामदेव रुद्र, इंदौर, ईमेल से

अगर साइंस और इंजीनियरिंग में रुचि नहीं है, तो आगे इसे ढोने से कोई फायदा नहीं है। मन न लगने के कारण बीटेक में आपका प्रदर्शन प्रभावित होगा। अगर बीटेक/इंजीनियरिंग में बहुत चाहकर भी दिलचस्पी नहीं ले पा रहे हैं, तो बेहतर यही होगा कि आप अपनी पसंद के क्षेत्र में ही कोर्स करने की सोचें। अगर सफाई प्रबंधन में रुचि है, तो आप हाउसकीपिंग मैनेजमेंट में डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इन दिनों देश के कई विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में एक साल का यह डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध है। इसमें बारहवीं के आधार पर ही प्रवेश मिल जाता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद होटल, रिसॉट्र्स, गेस्टहाउस, कॉरपोरेट ऑफिसेज, रेजिडेंशियल सोसायटीज, मॉल्स, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, एयरलाइंस, टूर ऐंड ट्रैवल कंपनियों आदि में एग्जीक्यूटिव हाउसकीपर, एसोसिएट हाउसकीपिंग मैनेजर, लॉन्ड्री मास्टर आदि के रूप में जॉब मिल सकती है। अपनी योग्यता बढ़ाकर आप टॉप मैनेजमेंट लेवल पर भी जा सकते हैं।

मेरी बेटी आगामी फरवरी माह में दसवीं सीबीएसई बोर्ड का एग्जाम देगी। कुछ दिन से प्राइवेट कोचिंग सेंटर वाले कॉल कर रहे हैं। क्या उनसे मिलना चाहिए या बेटी को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए? कृपया मार्गदर्शन करें।

-कुलवंत, ईमेल से

अगर आपकी बेटी पढ़ाई में ठीक है और परीक्षा के लिए उसकी तैयारी अच्छी चल रही है, तो कोचिंग वालों की कॉल पर बिल्कुल भी ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उनका काम ही है कॉल करके स्टूडेंट्स को अपने यहां एडमिशन के लिए बुलाना। बेहतर यही होगा कि बेटी को सिलेबस कवर करते हुए नियमित तैयारी और प्रश्नों को हल करने की प्रैक्टिस के लिए प्रेरित करें। परीक्षा और अंकों का हौव्वा पैदा करने की बजाय उसे पढ़ाई का आनंद लेते हुए अपनी नॉलेज बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें। अंक तो आएंगे ही। हां, अगर वह किसी विषय में खुद को कमजोर पाती है और उसे लगता है कि ट्यूशन/कोचिंग से इसे दूर किया जा सकता है, तो किसी अच्छे टीचर या कोचिंग (गुणवत्ता के बारे में पता करके) की मदद दिला सकती हैं।

मैं दसवीं का स्टूडेंट हूं। स्कूल में अच्छे अंक लाना चाहता हूं। पर समय को ठीक से मैनेज नहीं कर पाता हूं, न ही सिलेबस तैयार कर सका हूं। 11वीं के बाद आगे क्या करना चाहिए? मेरा मैथ्स काफी अच्छा है, इसलिए एनडीए क्लीयर करके देश की सेवा करना चाहता हूं।

-लक्ष्य मलिक, ईमेल से

अगर धैर्य के साथ काम लेंगे और स्ट्रेटेजी बनाकर पढ़ाई करेंगे,तो सबकुछ आसानी से मैनेज हो जाएगा। सबसे पहले सभी विषयों को बराबर का महत्व देते हुए टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करें। जहां तक जिस विषय और क्षेत्र में आपकी गहरी रुचि हो, उसी में खुद को आगे बढ़ाने का प्रयास करें। अगर एनडीए क्लीयर करके सेना में शामिल होकर देशसेवा से जुड़ना चाहते हैं, तो यह बेहद प्रशंसनीय है।


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