Career in Pharmacy: कोविड-19 की चुनौतियों के बीच देश में फार्मेसी सेक्टर में करियर की आकर्षक संभावनाएं
Career In Pharma Industry India भारत इस समय विश्व को सबसे अधिक जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने वाला देश है। 2024 तक देश के फार्मा उद्योग का बाजार 40 अरब डॉलर से बढ़कर 65 अरब डॉलर की ऊंचाई तक पहुंचने का अनुमान है।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी। नि:संदेह कोविड-19 संकट के चलते पूरी दुनिया में भारत का फार्मा सेक्टर छलांग लगाकर आगे बढ़ा है। नए चिकित्सकीय परीक्षणों और दवाई उत्पादन को बढ़ावा देने का एक अवसर बनकर सामने आया है। अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच भारत ने दुनिया के करीब 150 देशों में दवाइयों का निर्यात करके दुनिया की नई फार्मेसी हब के रूप में अपनी पहचान बनाई है। कोरोनाकाल में इसके क्लोरोक्वीन की गूंज दुनिया भर में देखी गई। फार्मा और मेडिकल सेक्टर की कई वस्तुओं का बड़ा उत्पादक और नया निर्यातक देश बनने के साथ-साथ भारत दुनिया में पीपीई किट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है, जिसकी दैनिक उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 5 लाख से अधिक है।
इसी तरह देश में बहुत कम समय में वेंटिलेटर के स्वदेशी उत्पादन और एन-95 मास्क के उत्पादन में भी आत्मनिर्भरता हासिल की है। यह सर्जिकल मास्क, मेडिकल गॉगल्स और पीपीई किट का बड़े पैमाने पर निर्यात कर रहा है। कोरोना से जंग के लिए दुनिया में टीका बनाने के लिए ख्याति प्राप्त पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ), भारत बायोटेक, जाइड्स कैडिला जैसी औषधि कंपनियां वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल कर रही हैं। ऐसे में कोविड-19 के बीच उभरे परिदृश्य ने फार्मा सेक्टर में युवाओं के लिए करियर के नए-नए मौके बढ़ा दिए हैं।
इनोवेशन से बढ़ रहे नए मौके : देश में फार्मेसी सेक्टर में तेजी से करियर के मौके बढ़ने के कई और भी कारण हैं। भारत अकेला एक ऐसा देश है जिसके पास अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए के मानकों के अनुरूप अमेरिका से बाहर सबसे अधिक संख्या में दवा बनाने के प्लांट हैं। हाल के वर्षों में भारत शोध एवं नवाचार विकास (आरएंडडी) के क्षेत्र में जैसे-जैसे आगे बढ़ा है, वैसे-वैसे भारत का फॉर्मा सेक्टर भी तेजी से आगे बढ़ा है। वैश्विक नवाचार सूचकांक (ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स जीआइआइ) 2020 में भारत चार पायदान ऊपर चढ़कर 48वें स्थान पर पहुंच गया है। कोरोना वायरस महामारी के कारण चीन के प्रति नाराजगी से वहां कार्यरत कई वैश्विक दवा मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां अपना काम चीन से बाहर स्थानांतरित करते हुए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम जैसी कई योजनाओं के तहत भारत की ओर कदम बढ़ाती दिख रही हैं।
फार्मेसी में बहुआयामी करियर : आज देश में 10 टॉप डिमांडिंग जॉब्स सेक्टरों में फार्मेसी भी शामिल है। इतना ही नहीं, फार्मेसी में करियर के मौके देश में ही नहीं, दुनिया भर में बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। यदि हम फार्मेसी में करियर के चमकीले मौकों के विभिन्न क्षेत्रों की ओर देखें तो पाते हैं कि ये मौके ड्रग मैन्युफैक्चरिंग, ड्रग रिसर्च, ड्रग मार्केटिंग, फार्माकोविजिलेंस, हॉस्पिटल फार्मेसी और रिसोर्स मैनेजमेंट आदि क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे हैं। रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट के तहत नई-नई दवाइयों की खोज व विकास संबंधी कार्य किए जाते हैं, तो ड्रग मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में मॉलिक्युलर बायोलॉजिस्ट, फार्मेकोलॉजिस्ट, टॉक्सिकोलॉजिस्ट या मेडिकल इनवेस्टिगेटर जैसे कार्य होते हैं। हॉस्पिटल फार्मासिस्ट्स के तहत दवाइयों और चिकित्सा संबंधी अन्य सहायक सामग्रियों के भंडारण, स्टॉकिंग और वितरण के कार्य होते हैं।
वहीं, क्लीनिकल रिसर्च के तहत नई लॉन्च होने वाली मेडिसिन के बारे में क्लीनिकल ट्रॉयल व रिसर्च के कार्य हैं।फार्मेसी क्वॉलिटी कंट्रोल के तहत दवाइयों के नतीजे संबंधी सुरक्षा और आशा के अनुरूप उपयोगिता संबंधी नियंत्रण के कार्य होते हैं। ब्रैंडिंग एंड सेल्स के तहत ड्रग्स व मेडिसिन के सेल्स एवं मार्केटिंग संबंधी कार्य किए जाते हैं। मेडिकल इनवेस्टिगेटर के तहत नई दवाइयों की टेस्टिंग व डेवलपमेंट की प्रक्रिया से संबंधित करियरके मौके हैं। इसी तरह, दवा की दुकान शुरू करने और उसे चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने हेतु फार्मेसी की डिग्री जरूरी है। इन सबके अलावा, सरकारी सेक्टर मेंड्रग इंस्पेक्टर जैसी कई नौकरियों के लिए भी फार्मेसी की डिग्री अहमियत रखती है। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि फार्मेसी के गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थानों सेफार्मेसी का कोर्स किए जाने के बाद आकर्षक नौकरियों के साथ-साथ स्वरोजगार के भी काफी अच्छे मौके होते हैं।
जरूरी स्किल्स : जो स्टूडेंट्स फार्मेसी के विभिन्न क्षेत्रों में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए कुछ विशेष स्किल्स जरूरी है, मसलन आप लाइफ साइंस व फार्मेसीके प्रति गहरी रुचि रखते हों। फार्मेसी से जुड़े रिसर्च के क्षेत्र में काम करने के लिए अच्छी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के साथ विश्लेषण क्षमता बेहतर होना चाहिए। वहीं,फार्मेसी के मार्केटिंग क्षेत्र में करियर बनाने के लिए अच्छी अंग्रेजी और कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होने से आगे बढ़ने में काफी मदद मिलती है।
शैक्षिक योग्यताएं: फार्मेसी में करियर बनाने के लिए स्टूडेंट द्वारा 10वीं के बाद बायोलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री या फिर मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री ग्रुप लिया जाना चाहिए। इसके बाद दो वर्ष का फार्मेसी में डिप्लोमा (डी फार्मा) या फिर चार वर्ष का बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी फार्मा) किया जा सकता है। इसके बाद दो वर्ष कामास्टर इन फार्मेसी (एम फार्मा) किया जा सकता है। इस समय देश के विभिन्न फार्मेसी से संबद्ध शैक्षणिक संस्थाओं में फार्मेसी में डिप्लोमा, डिग्री और पोस्टग्रेजुएशन के कोर्स कराए जा रहे हैं। फार्मेसी के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों तथा शैक्षणिक संस्थानों के द्वारा राष्ट्रीय स्तर परप्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। कई संस्थानों में 12वीं की मेरिट के आधार पर भी प्रवेश दिया जाता है, जैसे कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए ग्रेजुएट फार्मेसी एप्टीट्यूड टेस्ट (जीपेट) आयोजित करता है।
प्रमुख संस्थान
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज ऐंड रिसर्च, दिल्ली
www.dipsar.ac.in
जामिया हमदर्द, नई दिल्ली
http://jamiahamdard.edu
एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, नोएडा
www.amity.edu
इनोवेशन और साइंटिफिक रिसर्च पर जोर : ओपीपीआइ के डायरेक्टर जनरल के केजी अनंथकृष्णन ने बताया कि भारत इस समय दुनियाभर में वर्ल्ड ऑफ फार्मेसी के रूप में मशहूर है। आगे भी अपनी इस श्रेष्ठता को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि इनोवेशन और साइंटिफिक रिसर्च पर अधिक जोर दिया जाए। यह हो भी रहाहै। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिए मोदी सरकार साइंस और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम कोकाफी सपोर्ट दे रही है। इसी का नतीजा है कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2019 में भारत को दुनिया में 52वां सबसे अधिक इनोवेटिव देश का रैंक मिला है।
कोरोना संकट के बाद से साइंटिफिक रिसर्च की जरूरतों को और अधिक महसूस किया जा रहा है। लेकिन इनोवेशन का पॉवरहाउस बनने के लिए, अपनी दक्षता बढ़ाने केलिए ज्यादा से ज्यादा टैलेंट पूल चाहिए। इसलिए साइंस, टेक्नोलॉजी, मैथमैटिक्स तथा इंजीनियरिंग के फील्ड की पढ़ाई कर रहे युवाओं के लिए अभी लाइफ साइंसके सेक्टर बहुत संभावनाएं हैं, जहां नई-नई मेडिकल चुनौतियों का सॉल्यूशन निकालने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आर्गनाइजेशन ऑफ फार्मास्यूटिकलप्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआइ) भी युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार इस दिशा में प्रयास कर रहा है।
(वरिष्ठ करियर विशेषज्ञ)