डूटा ने शिक्षकों को क्लास में जाने के दिए निर्देश, यूनिवर्सिटी में CAA के खिलाफ हो रहा है प्रदर्शन
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की गुरुवार को गवर्निग बॉडी की बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया है कि शिक्षक कक्षाओं में जाना शुरू करेंगे।
जासं, नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की गुरुवार को गवर्निग बॉडी की बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया है कि शिक्षक कक्षाओं में जाना शुरू करेंगे। शिक्षकों ने अपनी विभिन्न मांगों के लिए मौजूदा प्रदर्शन पर अलग रणनीति बनाई है। डीयू के शिक्षक 4 दिसंबर, 2019 से तदर्थ शिक्षकों के समायोजन, शिक्षकों की पदोन्नति जैसे मुद्दों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कुलपति कार्यालय के बाहर शिक्षकों की तरफ लगातार धरना दिया जा रहा है। अब प्रदर्शन पर अलग रणनीति बनाई है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। छात्रों की तरफ से नॉर्थ कैंपस के ऑट्र्स फैकल्टी व विभिन्न कॉलेजों में प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों भी शामिल हैं।
गुरुवार को इस प्रदर्शन में समाजसेवी मेधा पाटकर, महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी, आइसा की छात्र नेता सुचेता डे समेत अन्य लोग शामिल हुए। इस दौरान सीएए के खिलाफ एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया। मेधा पाटकर ने कहा कि विश्व गुरु बनने से पहले भारत को देश गुरु बनना होगा। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जो भी सरकार के खिलाफ बोलता है उसे देशद्रोही करार दे दिया जाता है। पाकिस्तान जाने की बात की जाती है। अगर ऐसा ही है तो हमें दे दो पाकिस्तान का वीजा, हम वहां चले जाएंगे।
वहीं, तुषार गांधी ने आरोप लगाया है कि गांधी स्मृति से गांधी की तस्वीरें हटा दी गईं हैं। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले जनता सरकार को चुनती थी, लेकिन अब सरकार चुनेगी कौन यहां रहेगा। यह ठीक नहीं है। कार्यक्रम के दौरान यंग इंडिया के बैनर तले 20 जनवरी को देशभर से लोगों के हस्ताक्षर सहित मंडी हाउस से लेकर संसद मार्ग तक विरोध मार्च निकालने का भी एलान किया है।