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CCSU Meerut: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने नए शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम में इन पारंपरिक खेलों को किया शामिल, पढ़ें अपडेट

CCSU Meerut ये खेल बीए (फिजिकल एजुकेशन) की डिग्री के तहत एक नए विषय द ट्रेडिशनल गेम्स ऑफ इंडिया का हिस्सा होंगे। यूनिवर्सिटी के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित किया जा रहा है।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 04:14 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 04:14 PM (IST)
CCSU Meerut: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने नए शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम में इन पारंपरिक खेलों को किया शामिल, पढ़ें अपडेट
CCSU Meerut: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ (CCSU Meerut)

CCSU Meerut: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ (CCSU Meerut) ने पारंपरिक आउटडोर खेलों को पुनर्जीवित करने के लिए डिजाइन की गई एक पहल में नए शैक्षणिक सत्र से बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन के छात्रों के लिए 'गिल्ली डंडा', मार्बल्स और 'स्टापू' (हॉप्सकॉच) जैसे खेल शुरू करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करके जानकारी साझा की है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये खेल बीए (फिजिकल एजुकेशन) की डिग्री के तहत एक नए विषय 'द ट्रेडिशनल गेम्स ऑफ इंडिया' का हिस्सा होंगे। यूनिवर्सिटी के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। वर्तमान में, शारीरिक शिक्षा के छात्रों को वॉलीबॉल, कुश्ती, तैराकी, क्रिकेट और बास्केटबॉल जैसे 25 खेल सिखाये जाते हैं।

वहीं, यूनिवर्सिटी शारीरिक शिक्षा विभाग के सहायक प्रोफेसर केके पांडे ने कहा कि यह उन खेलों को मान्यता प्रदान करेगा, जिन्हें हम सभी बच्चों के रूप में प्यार करते थे, लेकिन अब खो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि खेल ताकत बनाने के लिए भी होते हैं। पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले खेलों में से एक को 'काई डंडा' कहा जाता है, जो आमतौर पर पश्चिम उत्तर प्रदेश में खेला जाता है और मध्य प्रदेश में इसे 'आम डाली' के नाम से जाना जाता है। यह बच्चों को आम के पेड़ पर चढ़ने के लिए प्रेरित करता है, जबकि एक खिलाड़ी पीछा करता है और उन्हें पकड़ता है। यह खेल न केवल एक बच्चे की मांसपेशियों को मजबूत करता है, बल्कि उन्हें ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है। हमें उम्मीद है कि सीसीएसयू में इन खेलों की शुरूआत उनके पुनरुद्धार और व्यावहारिक अनुप्रयोग में एक लंबा सफर तय करेगी।

गौरतलब है कि चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध सभी कॉलेजों में ग्रीष्मकालीन अवकाश को 30 जून तक विस्तारित किया गया है। इस संबंध में यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर एक नोटिस जारी किया गया है। स्टूडेंट्स इसे चेक कर सकते हैं।


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