CBSE स्कूल बनेंगे ‘नो एंगर जोन‘, ऐसे होगी पहल
सीबीएसई की इस नई पहल के तहत एंगर-फ्री जोन में शिक्षक अभिभावक स्कूल कर्मी व अन्य हितधारक अपने गुस्से पर काबू करने की करने की कोशिश करेंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों को गुस्सा रहित क्षेत्र (नो एंगर जोन) में तब्दील करने का फैसला किया है। छात्र, अभिभावक व शिक्षकों के बीच तालमेल बैठाने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) यह पहल करेगा। इसकी मदद से शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को लेकर अभिभावकों व शिक्षकों के बीच समस्याओं का निदान आसानी से होगा।
सीबीएसई की इस नई पहल के तहत एंगर-फ्री जोन में शिक्षक, अभिभावक, स्कूल कर्मी व अन्य हितधारक अपने गुस्से पर काबू करने की करने की कोशिश करेंगे। इस पहल में स्कूल स्वयं छोटे-मोटे बदलाव कर के भी योगदान दे सकते है। इसमें शिक्षक, छात्रों से मुस्करा कर, आसपास के सभी लोगो से शांति और आराम से बातचीत कर एक सकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास करेंगे।
उम्मीद है इस पहल के बाद स्कूल के माहौल में आए बदलाव से बच्चे मानसिक रूप से अधिक सक्रिय होंगे। वे अधिक सकारात्मक ऊर्जा लेकर और खुश होकर घर वापस जाएंगे। सीबीएसई ने स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा के लिए प्रतिदिन एक अवधि आरक्षित करने का आदेश दिया है। इसमें विभिन्न प्रकार के माध्यम से जैसे खेल गतिविधियों, योग और कला आदि की कक्षाओं के जरिये छात्रों को खुशी का माहौल दिया जाएगा।
इस तरह करेंगे पहल
- रिसेप्शन एरिया में एंगर-फ्री जोन का बोर्ड लगाया जाएगा।
- बच्चों के साथ इस विषय पर बातचीत व गतिविधियां संचालित कराई जाएंगी।
- सोशल मीडिया पर हैश टैग सीबीएसई नो एंगर के तहत एंगर-फ्री स्कूल बनाने का प्रयास करना होगा।