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CBSE ने 9वीं और 12वीं तक की कक्षाओं में 30 प्रतिशत कोर्स किया कम, स्टूडेंट्स यहां पढ़ें अपडेट

सीबीएसई ने कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने नवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं में 30 फीसदी कोर्स को कम करने का फैसला किया ।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 06:03 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 06:19 PM (IST)
CBSE ने 9वीं और 12वीं तक की कक्षाओं में 30 प्रतिशत कोर्स किया कम, स्टूडेंट्स यहां पढ़ें अपडेट
CBSE ने 9वीं और 12वीं तक की कक्षाओं में 30 प्रतिशत कोर्स किया कम, स्टूडेंट्स यहां पढ़ें अपडेट

सीबीएसई ने कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने नवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं में 30 फीसदी कोर्स को कम करने का फैसला किया है। बोर्ड ने यह फैसला कोविड-19 संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन के कारण लिया है। दरअसल मार्च में फैली महामारी कोरोना वायरस के कारण पहले 21 मार्च से लॉकडाउन कर दिया गया था। इसकी वजह से सभी स्कूल-कॉलेज सहित शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए थे। इसकी वजह से छात्र-छात्राओं को काफी कोर्स अधूरा है। ऐसे में बोर्ड ने स्टूडेंट्स का बोझ कम करने के लिए यह फैसला लिया है।

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वहीं इस बारे में सीबीएसई बोर्ड ने यह स्कूल कॉलेजों के प्रमुखों और टीचर्स से यह निर्देश दिए हैं कि जिन टॉपिक्स को कम किया गया है, उनको भी टीचर्स स्टूडेंट्स को समझाएं जाएं। हालांकि कम किया गए सिलेबस में आंतरिक मूल्यांकन और साल के अंत में आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए विषयों का हिस्सा नहीं होगा। वहीं इस बारे में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने कहा,' देश और दुनिया में असाधारण स्थिति को देखते हुए सीबीएसई को 9 वीं से 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित करने और पाठ्यक्रम भार को कम करने की सलाह दी गई थी। 

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि उन्हें देश भर के शिक्षाविद्दों से भी यह सुझाव मिले थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें हैशटैग # SyllabusForStudents2020 के तहत पाठ्यक्रम की कमी पर देशभर के शिक्षाविदों से 1,500 से अधिक सुझाव मिले थे। इसके साथ ही इसी तरह का प्रस्ताव दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी अप्रैल में दिया था, जिसमें उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री से आग्रह किया था कि देश में कोविड-19 प्रकोप के बीच पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए मौजूदा पाठ्यक्रम को 30% तक कम किया जाए। इन सभी सुझावों को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है।


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