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CBSE Board Result 2019: आपके बच्चे पर अगर है रिजल्ट का दबाव, तो जानें क्या कहते हैं मोटिवेशन काउंसलर

बच्चे मनमुताबिक सफलता न मिलने पर उलटे-सीधे कदम भी उठा लेते हैं। बच्चे ऐसे कदम न उठाएं इसके लिए पैरेंट्स टीचर और स्‍टूडेंट्स के बीच एक उचित बातचीत होनी चाहिए।

By Vineet SharanEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 01:05 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 02:02 PM (IST)
CBSE Board Result 2019: आपके बच्चे पर अगर है रिजल्ट का दबाव, तो जानें क्या कहते हैं मोटिवेशन काउंसलर
CBSE Board Result 2019: आपके बच्चे पर अगर है रिजल्ट का दबाव, तो जानें क्या कहते हैं मोटिवेशन काउंसलर

नई दिल्ली, जेएनएन। CBSE Board Result 2019: परीक्षा है, तो परिणाम भी आएगा। परिणाम में आप या तो सफल होगें या असफल, लेकिन इसको लेकर ज्यादा दबाव लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि, बच्चे परीक्षा के दबाव में आ जाते हैं और मनमुताबिक सफलता न मिलने पर उलटे-सीधे कदम भी उठा लेते हैं। बच्चे ऐसे कदम न उठाएं, इसके लिए पैरेंट्स, टीचर और स्‍टूडेंट्स के बीच एक उचित बातचीत होनी चाहिए। आइए जानते हैं कि इसको लेकर क्या कहते हैं मोटिवेशन काउंसलर।

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CBSE Board Result 2019: पैरेंट्स को सुझाव- रिजल्ट के बाद बच्चों पर न थोपें अपनी इच्‍छाएं

क्या कहते हैं मोटिवेशन काउंसलर

परीक्षा में असफल होने पर बच्चों द्वारा आत्‍महत्‍या करने पर वरिष्‍ठ करियर/मोटिवेशन काउंसलर अरुण श्रीवास्‍तव ने पैरेंट्स, टीचर और स्‍टूडेंट्स के लिए कुछ सुझाव दिए है। इनका मानना है कि रुचि समझ कर पढ़ाएंगे, तभी बच्‍चों से पाएंगे खुशियां।

श्रीवास्‍तव ने कहा कि बोर्ड परीक्षा में फेल हो जाने या प्रतियोगिता परीक्षा का दबाव बर्दास्त न कर पाने वाले स्‍टूडेंट्स में हाल के वर्षों में आत्‍महत्‍या की प्रवृत्‍ति बढ़ना हर किसी के लिए बड़ी चिंता का विषय है। हालांकि, इसे कोई अचानक उभरने वाली प्रवृत्‍ति नहीं माना जा सकता। पैरेंट्स और टीचर बच्‍चे को अच्‍छी तरह समझें और उन पर बिना कोई दबाव डाले उन्‍हें उनकी रुचि की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित प्रोत्‍साहित करें, तो ये भी अपनी कामयाबी से घर-परिवार को खुशियों की सौगात दे सकते हैं।

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इन बातों का विशेष ख्याल रखें पैरेंट्स

  • देखें कि बच्‍चा कुछ दिन से गुमसुम तो नहीं है या अपने में ही तो नहीं रहने लगा है। अगर ऐसा है, तो सतर्क हो जाएं। उससे प्‍यार से बातें करें। उसकी समस्‍या समझने का प्रयास करें।
  • कहीं आपके बच्‍चे को किसी ऑनलाइन गेम की लत तो नहीं लग गई है। वह छिप-छिप करके तो इस तरह के गेम नहीं खेल रहा है।
  • बच्‍चे को पढ़ाई के लिए कभी-कभी बेशक डांटें, पर उसके बाद उसकी गतिविधियों पर गौर करें। कहीं वह इससे हताश-निराश तो नहीं हो रहा है। उसे समझाएं और प्रोत्‍साहित करें।
  • अगर परीक्षा में कम आने या फेल होने से वह परेशान है, किसी से बातें करने से बच रहा है, खाने-घूमने में अरुचि दिखा रहा है तो भी उसके साथ बैठें। उसे समझाएं और आश्‍वस्‍त करें कि फेल हो गया या कम अंक आ गए तो क्‍या हुआ। यह कोई जिंदगी की आखिरी परीक्षा तो नहीं है। आगे अभी बहुत सारे मौके आएंगे। कम अंक आने से मुझे नहीं लगता कि तुम प्रतिभाशाली नहीं हो। तुम्‍हारा मन जिस फील्‍ड में लगता है, तुम उसी में आगे बढ़ो। हम सभी तुम्‍हारे साथ हैं।

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