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CBSE 12th Result 2019: असफलता भी एक मौका है, इन लोगों से सीखें जो फेल हुए और सफल भी

CBSE 12th result 2019 परीक्षाओं में खराब नतीजों से कभी परेशान नहीं होना चाहिए। असफलता भी आपको एक मौका देती है कि ताकि आप खुद को समझने का अवसर दें।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 12:53 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 02:08 PM (IST)
CBSE 12th Result 2019: असफलता भी एक मौका है, इन लोगों से सीखें जो फेल हुए और सफल भी
CBSE 12th Result 2019: असफलता भी एक मौका है, इन लोगों से सीखें जो फेल हुए और सफल भी

नई दिल्ली, जेएनएन। CBSE 12th result 2019: परीक्षाओं में खराब नतीजों से कभी परेशान नहीं होना चाहिए। असफलता भी आपको एक मौका देती है कि ताकि आप खुद को समझने का अवसर दें। देश-दुनिया में कई ऐसे लोग है, जिन्होंने असफलताओं के बाद ही सफलता हासिल की। एक चीज हम आपको बताना चाहते हैं कि दुनिया के सबसे तेज दिमाग शख्सितें शुरुआत में अक्सर असफल ही रही हैं। लेकिन, उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और आज दुनिया में उनका बोलबाला है। छात्रों को सिर्फ खुद को समझाना है। आइए कुछ ऐसे ही नाम हम आपको बताना चाहते है, जिन्होंने असफलताओं के दौर को झेला और आज आप इनसे प्ररेणा लेते हैं।

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बिल गेट्स

दुनिया का सबसे अमीर इंसान बिल गेट्स ने हावर्ड कॉलेज में बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद अपना पहला बिज़नेस शुरू किया लेकिन वो बुरी तरह असफल साबित हुआ। बाद में उन्होंने दुनिया और खुद के लिए संभावनाओं की ऐसी खिड़की खोली की आज उनका विंडोज दुनिया के ज्यादातर कंप्यूटर में मौजूद है। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी उन्होंनेे असफलता को पीछे छोड़कर ही खड़ी की।

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अल्बर्ट आइंस्टीन

वैज्ञानिक आइंस्टीन चार साल तक बोल और सात साल की उम्र तक पढ़ नहीं पाए थे। उन्हें एक सुस्त और गैर-सामाजिक छात्र के तौर पर देखा जाने लगा। इसके बाद उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया और ज़्यूरिक पॉलिटेक्निक ने भी दाखिला देने से इन्कार कर दिया गया। इन सब के बावजूद वे भौतिक विज्ञान की दुनिया में सबसे बड़ा नाम साबित हुए।

वॉल्ट डिज़्नी

डिज़्नी नाम किसने नहीं सुना होगा, लेकिन आपको यह सुनकर हैरानी होगी की जब ये नौकरी करते थे तो इन्हें यह कहकर निकाल दिया गया था कि उनके पास कल्पनाशीलता और नए विचार नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया, लेकिन दिवालिए हो गए। लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज देखिए उनके नाम से एक पूरा साम्राज्य चलता है, जिसके गवाह हम सब हैं।

रबिंद्रनाथ टैगोर

भारत की तरफ से इकलौते नोबल पुरस्कार जीतने वाले महान क़वि और साहित्यकार रबिंद्रनाथ टैगोर स्कूल में फेल हो गए थे। उनके शिक्षक उन्हें पढ़ाई में ध्यान न देने वाले छात्र मानते थे। लेकिन, वही बाद में पूरे देश का गौरव साबित हुए। रबिंद्रनाथ टैगोर लिखा भी करते थे, जिसमें उन्होंने एक बार असफलताओं पर लिखा था कि 'हर ओक का पेड़, पहले ज़मीन पर गिरा एक छोटा सा बीज होता है.'। ऐसे ही तमाम और नाम हैं, जो स्कूल-कॉलेजों में फेल होने के बाद भी कामयाब हैं। 

अमिताभ बच्‍चन

अमिताभ बच्‍चन को आप सभी जानते पहचानते हैं। 76 साल की उम्र में आज भी अखबारों, पत्रिकाओं से लेकर टीवी के तमाम विज्ञापनों तक में सबसे ज्‍यादा वही दिखाई देते हैं। बॉलीवुड की फिल्‍मों में तरह तरह के चैलेंजिंग रोल में उनका जलवा जारी है। लेकिन क्‍या आपको पता है कि अदाकारी और आवाज के इस महानायक को कभी आल इंडिया रेडियो यानी आकाशवाणी ने ऑडिशन में रिजेक्‍ट कर दिया था। जिसकी आवाज को कभी अच्‍छा न कहकर खारिज कह दिया गया था, वही आवाज आज हर किसी को जादू की तरह लुभा रही है।

सचिन तेंदुलकर

क्रिकेट के भगवान के तौर पर विख्‍यात भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को शुरू से ही केवल क्रिकेट का ही जुनून रहा। पढ़ाई में मन न लगने के कारण उन्‍होंने दसवीं के बाद पढ़ा ही नहीं। जरा सोचें, अगर सचिन पर उनके पिता ने पढ़ाई का दबाव बनाया होता तो क्‍या वे दुनियाभर में एक क्रिकेटर के रूप में पहचान बना पाए होते।

विंस्टन चर्चिल

नोबल पुरस्कार जीतने वाले और दो बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चुने गए विंस्टन चर्चिल की भी कहानी संघर्ष से भरी थी। स्कूली पढ़ाई के दौरान चर्चिल छठी कक्षा में ही फेल हो गए थे। इतना ही नहीं, राजनीति में आने पर प्रधानमंत्री बनने से पहले वे अपने हर चुनाव में असफल हुए थे, लेकिन उन्‍होंने खुद पर भरोसा बनाए रखा और मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटे।

स्टीवन स्पिलबर्ग

दु‌निया में अरबों कमाने वाली जुरासिक पार्क जैसी फिल्म के निर्देशक स्‍टीवन स्पिलबर्ग को एक बार नहीं तीन बार कैलिफोर्निया की साउदर्न यूनिवर्सिटी ऑफ थियेटर एंड टेलीविज़न में एडमिशन देने से इंकार कर दिया गया था। उसके बाद उन्होंने कहीं और से शिक्षा ली। अपने काम के लिए बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। 35 साल बाद वे दोबारा उस कॉलेज में पहुंचे और तब ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।


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