ब्लड बैंक तकनीशियन बन सवारें भविष्य
लैब में ये ब्लड का सैंपल लेकर उसकी बारीकी से रिसर्च करते हैं उसका ब्लड टाइप पता करते हैं तथा संबंधित ब्लड कितना सुरक्षित है यह देखना इन्हीं का काम है।
नई दिल्ली, जेएनएन। ब्लड बैंक टेक्नोलॉजी का आज के मेडिकल और क्लीनिकल लैब टेक्नोलॉजी के फील्ड में एक अहम रोल है। ब्लड बैंक तकनीशियन, आमतौर पर फ्लेबोटोमिस्ट के रूप में प्रशिक्षित किए जाते हैं जो मरीजों के ब्लड को इकट्ठा करने और लेबलिंग करने का काम करते हैं। इन दिनों इन प्रोफेशनल्स की मेडिकल लैब और ब्लड बैंक्स में सबसे अधिक जरूरत है, जहां ये डोनर से ब्लड कलेक्ट करके उसे स्टोर करते हैं। इसके अलावा, ब्लड का टाइप और कलेक्ट किया ब्लड सुरक्षित है या नहीं, इसे भी देखना इन्हीं की जिम्मेदारी होती है। ब्लड बैंक तकनीशियन का कोर्स नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के तहत कराया जाता है। प्रधानमंत्री मिशन कौशल भारत, कुशल योजना, आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं शुरू किए जाने के बाद आने वाले दिनों में इस फील्ड में करियर की संभावनाएं और तेजी से बढे़ंगी।
कामकाज के तरीके
ब्लड बैंक तकनीशियन की ज्यादातर गतिविधियां कार्यालय आधारित होती हैं। अभी ब्लड बैंक्स और छोटे-बडे़ शहरों में संचालित विभिन्न लैब्स में ही इनकी सबसे अधिक जरूरत देखी जा रही है। लैब में ये ब्लड का सैंपल लेकर उसकी बारीकी से रिसर्च करते हैं, उसका ब्लड टाइप पता करते हैं तथा संबंधित ब्लड कितना सुरक्षित है, यह देखना इन्हीं का काम है। साथ ही, अस्पतालों के ब्लड बैंक में आपातकालीन समय के लिए ब्लड को सुरक्षित तरीके से स्टोर करना भी इन्हीं की जिम्मेदारी होती है। जो युवा इस फील्ड में अपना करियर आगे बढ़ाना चाहते हैं, उनमें अच्छी एनालिसिस एबिलिटी होनी आवश्यक है। एनजीओ आदि के साथ स्वतंत्र रूप से काम करने के लिए भी यह एक अच्छा फील्ड है।
कोर्स एवं योग्यता
विभिन्न शिक्षण संस्थानों में डिप्लोमा इन ब्लड बैंक टेक्नोलॉजी या सर्टिफिकेट कोर्स इन ब्लड बैंक टेक्नोलॉजी के रूप में यह संचालित किया जा रहा है, जिसे किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास करने के बाद किया जा सकता है। कोर्स के दौरान अभ्यर्थियों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर खास ध्यान दिया जाता है, जैसे कि तरह-तरह के ब्लड सैंपल्स की जांच करना, ब्लड के जरूरी तत्वों की जानकारी, आपातकालीन स्थिति में किस तरह से निपटा जाए आदि के बारे में पूरा प्रशिक्षण दिया जाता है।
करियर के मौके
इस कोर्स में डिप्लोमा लेने के बाद हर राज्य में सरकारी व गैर-सरकारी विभागों में नौकरी अवसर मौजूद हैं। इसके अलावा, यह कोर्स करके आप प्राइवेट हॉस्पिटल्स या प्राइवेट लैब में भी अपने लिए जॉब तलाश सकते हैं। इसके अलावा, सरकारी या निजी अस्पतालों के ब्लड बैंक्स में भी नौकरी पा सकता है।
सैलरी
डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करने के बाद आप शुरुआत में 10 हजार से 15 हजार तक या इससे अधिक सैलरी पा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
दिल्ली पैरामेडिकल ऐंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
www.dpmiindia.com
महर्षि मर्केडेश्वर यूनिवर्सिटी, अंबाला, हरियाणा
www.mmumullana.org
शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़
www.shivalikinstitute.org
इंडियन मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, जालंधर, पंजाब
www.iminursing.in