Board Exam News: फिजिक्स की तैयारी, नये सिलेबस को ध्यान में रख करें रिवीजन
लखनऊ के गोमती नगर के केंद्रीय विद्यालय के फिजिक्स शिक्षक (पीजीटी) अतुल कुमार अवस्थी ने बताया कि विद्यार्थी फिजिक्स की परीक्षा से डरे नहीं। जो बच्चे निरंतर पूर्ववर्ती वर्षों के अभ्यास एवं रिवीजन करते हैं उन्हें कभी कोई मुश्किल हो सकती।
नई दिल्ली, अंशु सिंह। दोस्तो, जैसा कि आप सभी को मालूम है कि सीबीएसई बोर्ड ने इस वर्ष परीक्षा का पूरा पैटर्न बदल दिया है। बारहवीं के सिलेबस में भी 30 फीसद तक की कटौती की गयी है। ऐसे में स्टूडेंट्स के लिए जरूरी हो जाता है कि वे तैयारी करते समय सिलेबस से हटाये गये टॉपिक्स का विशेष ध्यान रखें और फिर उसके अनुरूप रिवीजन करें।
जहां तक हटाये गये टॉपिक्स का प्रश्न है, तो इस बारे में सीबीएसई की वेबसाइट पर प्रमुखता से उल्लेख (डिलीटेड पोर्शन श्रेणी) किया गया है। वहां से उसे डाउनलोड कर अपने पास रखा जा सकता है। इससे अनावश्यक भटकाव नहीं होगा। जैसे इस वर्ष डाइक्लोफोन का टॉपिक नहीं है। सेमीकंडक्टर का भी काफी हिस्सा इस बार सिलेबस में नहीं होगा।
एक अहम बदलाव के तहत फिजिक्स के पेपर में केस स्टडीज आधारित सवालों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, मल्टीपल च्वाइस एसर्शन-रीजन के सवाल होंगे। दरअसल, इस बार कॉन्सेप्ट आधारित प्रश्न अधिक पूछे जाएंगे, जिसके लिए स्टूडेंट्स को अलग से तैयारी करनी होगी। बच्चों के सामने नये तरीके के सवाल होंगे। इसलिए वे जितना अधिक सैंपल पेपर को सॉल्व करेंगे, उसका अभ्यास करेंगे, उतना फायदेमंद रहेगा।
सीबीएसई सैंपल पेपर के अलावा अन्य प्रकाशकों द्वारा भी नये सैंपल पेपर (प्रैक्टिस पेपर) तैयार किये गये हैं। उनकी मदद ली जा सकती है। स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे एनसीईआरटी के किताब का ध्यान से अध्ययन करें। खासकर हरेक चैप्टर के एग्जाम्पल्स को गंभीरता से देखें। उसका अभ्यास करें। इसी तरह, न्यूमेरिकल के अधिकतर सवाल यहीं से पूछे जाते हैं।
बच्चों को यह भी बताना चाहूंगा कि वे रेक्टीफायर (डायोड), सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स, मैटीरियल्स, डिवाइसेज एवं सिंपल सर्किट, जंक्शन डायोड, एलईडी, इलेक्ट्रिक पोटेंशियल, पोटेंशियल डिफरेंस आदि टॉपिक्स को ध्यान से पढ़ें। अच्छे से रिवाइज करें। इनके अलावा, ऑप्टिक्स में टेलीस्कोप एवं माइक्रोस्कोप जरूर पढ़ें। इनके डायग्राम्स की अच्छे से प्रैक्टिस करें। इसी प्रकार से फॉर्मूलों पर मजबूत पकड़ बहुत जरूरी है।
स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे चैप्टरवाइज प्रमुख फॉर्मूलों का अलग से नोट्स तैयार कर लें। उन्हें बार-बार रिवाइज करें। इससे एप्लीकेशन आधारित प्रश्नों के उत्तर देना आसान हो जाएगा। अक्सर बच्चे डायग्राम्स का अभ्यास नहीं करते हैं। यह कतई न करें। उसका अभ्यास करें। लेवलिंग ( 2 से 3) करें। इससे नंबर ठीक आते हैं।
लखनऊ के गोमती नगर के केंद्रीय विद्यालय के फिजिक्स शिक्षक (पीजीटी) अतुल कुमार अवस्थी ने बताया कि विद्यार्थी फिजिक्स की परीक्षा से डरे नहीं। जो बच्चे निरंतर पूर्ववर्ती वर्षों के अभ्यास एवं रिवीजन करते हैं, उन्हें कभी कोई मुश्किल हो सकती।