Move to Jagran APP

B Arch Course 2020-2021: बी.आर्किटेक्चर में प्रवेश के लिए शिक्षा मंत्रालय ने दी छूट

शिक्षा मंत्रालय ने काउंसिल आफ आर्किटेक्चर की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 2020-2021 के लिये बी.आर्क कोर्स में दाखिले की पात्रता में छूट देने का निर्णय किया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 07:22 PM (IST)
B Arch Course 2020-2021: बी.आर्किटेक्चर में प्रवेश के लिए शिक्षा मंत्रालय ने दी छूट
B Arch Course 2020-2021: बी.आर्किटेक्चर में प्रवेश के लिए शिक्षा मंत्रालय ने दी छूट

नई दिल्ली, एएनआइ। शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को आर्किटेक्चर के स्नातक कोर्स में दाखिले के मानदंडों में छूट प्रदान करने की घोषणा की है। यह छूट कोरोना महामारी और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के आंशिक तौर पर रद किये जाने के चलते दी गई। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना महामारी और देश में कई बोर्डो द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षा के आशिंक तौर पर रद किये को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने काउंसिल आफ आर्किटेक्चर की सिफारिशों के आधार पर वर्ष 2020-2021 के लिये बी.आर्क कोर्स में दाखिले की पात्रता में छूट देने का निर्णय किया है। 

loksabha election banner

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब ऐसे उम्मीदवार, जिन्होंने भौतिकी, रसायन शास्त्र और गणित विषयों से 10+2 परीक्षा पास की होगी या गणित के साथ 10+3 डिप्लोमा किया होगा, वे 2020-21 के लिये बी.आर्क कोर्स प्रथम वर्ष में दाखिले के पात्र होंगे । 

हर जिले के आसपास होगा उच्च शिक्षण संस्थान

वहीं, दूसरी ओर उच्च शिक्षा के लिए घर छोड़कर दूर जाने की शायद जरूरत नहीं होगी। नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के बीच की इस दूरी को पाटने की बड़ी पहल की गई है। इसके तहत 2030 तक प्रत्येक जिले या आसपास ही एक ऐसा बड़ा बहु-विषयक संस्थान विकसित या स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें सभी विषयों की पढ़ाई हो सके। यह संस्थान सार्वजनिक और निजी दोनों ही क्षेत्र के हो सकते है। नीति का मानना है कि उच्च शिक्षा के बीच इस दूरी को पाटे बगैर उच्च शिक्षा के संकल नामांकन दर (JER) के लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल होगा।

फिलहाल नीति में 2035 तक उच्च शिक्षा के सकल नामांकन दर को 50 फीसद तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। मौजूदा समय में उच्च शिक्षा का यह सकल नामांकन दर करीब 26 फीसद है। माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में छात्र इसलिए ही उच्च शिक्षा की ओर कदम नहीं बढ़ाते है, क्योंकि वह उनकी पहुंच से काफी दूर होते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.