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उपस्थिति अनिवार्य नहीं, प्रार्थना सभा भी नहीं होगी

वैशिवक महामारी कोरोना के खतरे के बीच प्रदेश सरकार ने स्कूलों में पहली से जमा दो के विद्यार्थियों की एक साथ नियमित कक्षाएं चलाने का निर्णय लिया है। नियमित कक्षाओं के साथ वार्षिक परीक्षाएं भी आफलाइन ही होंगी।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 09:15 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 09:15 PM (IST)
उपस्थिति अनिवार्य नहीं, प्रार्थना सभा भी नहीं होगी
उपस्थिति अनिवार्य नहीं, प्रार्थना सभा भी नहीं होगी। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के खतरे के बीच प्रदेश सरकार ने स्कूलों में पहली से जमा दो के विद्यार्थियों की एक साथ नियमित कक्षाएं चलाने का निर्णय लिया है। नियमित कक्षाओं के साथ वार्षिक परीक्षाएं भी आफलाइन ही होंगी। हालांकि स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी, जो विद्यार्थी स्कूल नहीं आना चाहते वे घर पर रहकर ही पढ़ाई कर सकेंगे। स्कूलों में प्रार्थना सभा और खेल गतिविधियों पर फिलहाल रोक ही रहेगी।

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सोमवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया है। अब तक 27 सितंबर से नौवीं से जमा दो और पहली अक्टूबर से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी ही स्कूल आ रहे थे। मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद स्कूलों को नियमित कक्षाओं की तैयारी के निर्देश जारी कर दिए हैं। स्कूलों को कहा गया है कि वे अपने स्तर पर योजना बनाएं। यदि जरूरी है तो वैकल्पिक व्यवस्था अपनाते हुए दो सत्रों में भी स्कूल चला सकते हैं। सभी शिक्षा उपनिदेशक नियमित कक्षाएं शुरू होने के बाद स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। इसमें देखा जाएगा कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं।

छोटे कमरे बनेेंगे परेशानी

शिक्षा विभाग का कहना है कि कोरोना को लेकर शिक्षण संस्थानों के लिए जो मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन छोटे क्लासरूम परेशानी बढ़ा रहे हैं। विभाग के अनुसार एक कमरे में तय क्षमता से 50 प्रतिशत विद्यार्थी ही बैठ पाएंगे। अब सभी कक्षाओं के विद्यार्थी स्कूल आएंगे तो शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने में परेशानी हो सकती है।

दूसरी में पहुंच गए, पहली बार आएंगे स्कूल

15 नवंबर को स्कूलों में पहली और दूसरी के विद्यार्थी पहली बार स्कूल आएंगे। वर्ष 2020 में अभिभावकों ने अपने बच्चों के दाखिले करवाए थे। 14 नवंबर, 2020 से स्कूलों को बंद कर दिया था। सरकार ने बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों को तो स्कूल बुला लिया था, लेकिन छोटी कक्षाओं के बच्चों को स्कूल नहीं बुलाया। जिन बच्चों ने पिछले साल दाखिला लिया था वे अब पहली बार 15 नवंबर से स्कूल आकर कक्षाएं लगाएंगे। शिक्षकों के लिए भी इन बच्चों को पढ़ाना चुनौतीपूर्ण होगा।

बुखार-जुकाम है तो न आएं स्कूल

बुखार-जुकाम वाले बच्चों को स्कूल न आने की सलाह दी गई है। ऐसे बच्चों को कहा गया है कि वे अपना टेस्ट करवाएं और जब तक ठीक नहीं हो जाते घर पर आराम करें। शिक्षक और गैर शिक्षकों को भी लक्षण दिखने पर इलाज करवाने को कहा गया है, ताकि संक्रमण का खतरा न रहे।

16 से टर्म वन की परीक्षाएं

सरकारी स्कूलों में 16 नंवबर से नौवीं से जमा दो कक्षाओं की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। यह टर्म वन की परीक्षाएं होंगी। विभाग का कहना है कि परीक्षाओं का शेडयूल के तहत बीच में छुट्टियां भी हैं। ऐसे में शारीरिक दूरी के नियम का पालन करवाने में दिक्कत नहीं आएगी। 12 नवंबर को नेशनल अचीवमेंट सर्वे होना है। इसके लिए बच्चों को स्कूल बुलाने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है।


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