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नई शिक्षा नीति का उद्देश्य क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए युवाओं को सही शिक्षा देना है: राष्ट्रपति कोविंद

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य युवाओं को क्रांतिकारी बदलावों लाने के लिए सही शिक्षा देना है। यह बातें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने आज यानी कि11 मार्च को अन्ना विश्वविद्यालय के 41 वें दीक्षांत समारोह में कही।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 01:44 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 02:07 PM (IST)
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए युवाओं को सही शिक्षा देना है: राष्ट्रपति कोविंद
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य युवाओं को क्रांतिकारी बदलावों लाने के लिए सही शिक्षा देना है।

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य युवाओं को क्रांतिकारी बदलावों लाने के लिए सही शिक्षा देना है। यह बातें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने आज यानी कि11 मार्च को अन्ना विश्वविद्यालय के 41 वें दीक्षांत समारोह में कही। राष्ट्रपति ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीत का मकसद रिसर्च और स्किल के आधार पर आधुनिक शिक्षा प्रणाली को लागू करना है। इसमें भविष्य के दृष्टिकोण के साथ हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी शामिल होगी।

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वहीं दीक्षांत समारोह के दौरान अपनी डिग्री प्राप्त करने वाले कुल एक लाख छात्रों में से विभिन्न अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में टॉप करने वाले 69 छात्रों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोल्ड मेडल से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति ने बताया कि आज यूजी, पीजी और पीएचडी स्तर के एक लाख से अधिक उम्मीदवार डिग्री प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें से लगभग 45 प्रतिशत महिलाएं हैं। राष्ट्रपति कोविंद ने बताया कि कुल छात्रों में से स्वर्ण पदक और प्रथम श्रेणी में आज 60 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। ये बेहद खुशी की बात है। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि अन्ना विश्वविद्यालय इसरो के साथ मिलकर एक सैटेलाइट को डिजाइन, विकसित और संचालित करने वाला पहला भारतीय विश्वविद्यालय है।

राष्ट्रपति के अलावा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी खड़गपुर के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। यहां वर्चुअल संबोधन में पीएम ने नए इको सिस्टम में नए लीडरशिप की जरूरत पर जोर देने के लिए कहा था। प्रधानमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि छात्रों को मौजूदा स्थिति को देखते हुए भविष्य का अनुमान भी लगाना चाहिए। छात्रों को उन आवश्यकताओं पर काम करना चाहिए जो 10 साल बाद पैदा हो सकती हैं।


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