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द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा बनाने से बढ़ेगा दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक का दबाव

द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा बनाए जाने का विरोध धीरे-धीरे तेज हो रहा है। हर क्षेत्र के लोगों का मानना है कि टोल प्लाजा बनाए जाने पर एक्सप्रेस-वे निर्माण का लाभ शहर को नहीं मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 02:55 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 03:24 PM (IST)
द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा बनाने से बढ़ेगा  दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक का दबाव
द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा बनाने से बढ़ेगा दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक का दबाव

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा बनाए जाने का विरोध धीरे-धीरे तेज हो रहा है। हर क्षेत्र के लोगों का मानना है कि टोल प्लाजा बनाए जाने पर एक्सप्रेस-वे निर्माण का लाभ शहर को नहीं मिलेगा। अधिकतर लोग टोल बचाने के लिए दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे से ही जाते-आते रहेंगे। ऐसे में जिस उद्देश्य से द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है, वह पूरा नहीं होगा।

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दिल्ली में महिपालपुर के नजदीक शिवमूर्ति के सामने से लेकर गुरुग्राम में खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक तक द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। प्रोजेक्ट को दो हिस्से में बांटकर काम किया जा रहा है। गुरुग्राम पैकेज का निर्माण इसी साल दिसंबर में पूरा होना है। दिल्ली पैकेज का निर्माण अगले साल पूरा होगा। साथ-साथ गुरुग्राम से सटे दिल्ली सीमा में टोल प्लाजा बनाने की तैयारी चल रही है।

इसे लेकर लोगों में भारी नाराजगी है। लोगों का मानना है कि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे की तरह द्वारका एक्सप्रेस-वे भी दिल्ली-गुरुग्राम के बीच लाइफ लाइन होगा। लाइफ लाइन पर कहीं भी टोल प्लाजा नहीं होना चाहिए। इससे विकास की रफ्तार थम जाएगी। सिरहौल बार्डर पर टोल प्लाजा जब था उस समय साइबर सिटी में विकास की रफ्तार थम गई थी। बाहर के लोगों का शहर में आना कम हो गया था। जो लोग आते थे उन्हें कई बार घंटों झाम झेलना पड़ता था।

द्वारका एक्सप्रेस-वे का अधिकतर हिस्सा एलिवेटेड होगा। ऐसे में अधिक टोल वसूला जाएगा। इससे बचने के लिए कारोबारी से लेकर आम लोग दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे से ही जाना-आना चाहेंगे। ऐसे में दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव और अधिक बढ़ जाएगा। बता दें कि वर्तमान में सिरहौल बार्डर से होकर प्रतिदिन औसतन साढ़े तीन लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का मानना है कि द्वारका एक्सप्रेस-वे बनने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से 40 से 50 प्रतिशत तक ट्रैफिक का दबाव कम होगा।

द्वारका एक्सप्रेस-वे ही नहीं बल्कि दिल्ली-एनसीआर में किसी भी हाईवे या अन्य सड़क पर टोल प्लाजा नहीं होना चाहिए। जहां तक द्वारका एक्सप्रेस-वे का सवाल है, टोल प्लाजा बनाए जाने के बाद निर्माण का अधिक लाभ नहीं दिखाई देगा। दिल्ली-गुरुग्राम के बीच 24 घंटे का कारोबार है। हजारों लोग दिन में कई बार जाते-आते हैं। टोल बचाने के लिए लोग द्वारका एक्सप्रेस-वे का उपयोग नहीं करेंगे।

-राव विवेक सिंह, अध्यक्ष, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ आर्किटेक्ट द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा बनाए जाने से औद्योगिक विकास प्रभावित होगा। सामान्य कारोबार भी प्रभावित होंगे। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए द्वारका एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है लेकिन टोल प्लाजा बनाए जाने से स्थानीय लोग उपयोग कम करेंगे। ऐसे में दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव कम होने की बजाय बढ़ेगा।

- राव लाल सिंह, अधिवक्ता और उपाध्यक्ष, जाफरा


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