PMJY Portal Launched : गोल्डन कार्ड के लिए न हों परेशान, अब आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बनाएंगी
PMJY Portal Launched गोल्डन कार्ड के लिए लाभार्थियों को अब भटकने की जरूरत नहीं है। आयुष्मान मित्र के साथ यह कार्य अब आशा कार्यकर्ता भी संभालेंगी। इसके लिए भारत सरकार की ओर से पीएमजेवाई पोर्टल लांच किया गया है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। PMJY Portal Launched : Ayushman Bharat-Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana के अंतर्गत पात्रों के golden card बनाने का कार्य शीघ्र ही गति पकड़ेगा। गोल्डन कार्ड के लिए लाभार्थियों को परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ayushman friend के साथ यह कार्य आशा कार्यकर्ता संभालेंगी। आशा घर-घर जाकर पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाएंगी। इसके लिए भारत सरकार की तरफ से पीएमजेवाई पोर्टल लांच किया है। आशा को प्रति कार्ड पांच रुपये प्रोत्साहन के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
12.91 लाख का लक्ष्य, 3.17 लाख ही बने : भारत सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना 25 सितंबर 2018 को जनपद में शुरू हुई थी। योजना के अंतर्गत सरकार ने गरीब परिवारों के पांच लाख तक मुफ्त इलाज की गारंटी ली है। सर्वप्रथम लाभार्थियों का चयन आर्थिक व सामाजिक गणना-2011 की सूची के आधार पर किया गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत नए लाभार्थी जोड़े गए। फिर, भवन एवं सन्निर्माण के पंजीकृत श्रमिक, अंत्योदय कार्डधारक और फिर आशा कर्मियों को पात्रता श्रेणी में रखा गया। इस तरह कुल 12.91 लाख लाभार्थी हैं। इनमें से 3.17 लाख गोल्डन कार्ड ही बन पाए हैं। प्रत्येक लाभार्थी का गोल्डन कार्ड बनाने के लिए बार-बार कवायद हुई, मगर सफलता नहीं मिल पाई।
ये है नई व्यवस्था : भारत सरकार की ओर से गोल्डन कार्ड बनाने का दायित्व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ कही जाने वाली आशा कार्यकर्ता को दिया जा रहा है। आयुष्मान योजना की कार्यदायी संस्थाnational health authority (एनएचए) ने एक पोर्टल (पीएमजेवाई) लांच किया गया है। यह एक मोबाइल एप है। इस एप को आशा कार्यकर्ता अपने मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकेंगी। एनएचए से आशा को यूजर आइडी व पासवर्ड जारी किया जाएगा। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लाभार्थी की केवाइसी (सत्यापन) कर गोल्डन कार्ड बनाएंगी। इसे वह वाट्सएप के जरिए लाभार्थी को भी दे सकती हैं। लाभार्थी आयुष्मान मित्र, जन सेवा केंद्र पर जाकर प्रिंट ले सकेगा। मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी गई।
इनका कहना है
लाभार्थियों में जागरूकता न होने के कारण लक्ष्य के अनुसार गोल्डन कार्ड नहीं बन पाए। अब सरकार ने घर-घर जाकर कार्ड बनाने की योजना बनाई है। आशा कार्यकर्ताओं के जुड़ने से गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य गति पकड़ेगा।
- डा. दुर्गेश कुमार, नोडल अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी।