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जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता आयोजित, डीसी ने कहा, खेलों में मेहनत से संवारा जा सकता है भविष्य

खेल ही वो मध्यम है जिससे डिप्रेशन जैसी समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। खेल ही हैं जहां हार को सहज भाव से और जीत को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार किया जाता है। खेलों में अपनी मेहनत के दम पर भविष्य संवारा जा सकता है। उपायुक्त श्यामलाल पूनिया ने रविवार को जिले के गांव रानीला में जिला एथलेटिक्स संघ द्वारा आयोजित जिला स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही। उन्होंने कहा कि खेल प्रतियोगिता से आने वाली पीढ़ी को खेलो में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है और उनमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा भी पैदा होगा। पूरी आयोजन समिति बधाई की पात्र है। आज के युग में हर कोई किसी न किसी कारण से परेशान में रहता है जिसके कारण लोग डिप्रेशन का भी शिकार होते जा रहे है। केवल खेल ही वो माध्यम है जिससे डिप्रेशन जैसी समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 10:05 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 10:05 PM (IST)
जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता आयोजित, डीसी ने कहा, खेलों में मेहनत से संवारा जा सकता है  भविष्य
जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता आयोजित, डीसी ने कहा, खेलों में मेहनत से संवारा जा सकता है भविष्य

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : खेल ही वो मध्यम है जिससे डिप्रेशन जैसी समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। खेल ही हैं जहां हार को सहज भाव से और जीत को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार किया जाता है। खेलों में अपनी मेहनत के दम पर भविष्य संवारा जा सकता है। उपायुक्त श्यामलाल पूनिया ने रविवार को जिले के गांव रानीला में जिला एथलेटिक्स संघ द्वारा आयोजित जिला स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही। उन्होंने कहा कि खेल प्रतियोगिता से आने वाली पीढ़ी को खेलो में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है और उनमें देश के लिए कुछ करने का जज्बा भी पैदा होगा। पूरी आयोजन समिति बधाई की पात्र है। आज के युग में हर कोई किसी न किसी कारण से परेशान में रहता है, जिसके कारण लोग डिप्रेशन का भी शिकार होते जा रहे है। केवल खेल ही वो माध्यम है जिससे डिप्रेशन जैसी समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। खेलों में हार को भी सहजता के साथ स्वीकार किया जाता है और जीत बड़ी विनम्रता के साथ ग्रहण की जाती है। इसलिए जीवन में हमेशा खेलों को शामिल रखें। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे होंगे खराब, की कहावत को झुठलाया है। हरियाणा के खिलाड़ी हमेशा से ही अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं। हाल ही में सम्पन्न हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। देश की टीम द्वारा जीते गए कुल 61 पदकों में से हरियाणा के खिलाड़ियों ने 23 पदक हासिल किए हैं। सरकार भी खेल और खिलाड़ियों के उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है। खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने पर करोड़ों रुपए की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाती है। प्रतियोगिता की तैयारी के लिए भी राशि देने का प्रावधान किया गया है। खेलों से शरीर भी स्वस्थ रहता है और अब सरकार की ओर से पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को रोजगार भी दिया जाता है।

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ये लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर एथलेटिक्स फेडरेशन आफ इंडिया से धर्मबीर व राजीव खत्री, भीम अवार्डी चरण सिंह राठी जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव राजेश फौगाट, राजेश फौगाट समरपुर, बिजेन्द्र कोच, अरूण फौगाट बुद्घी, कृष्ण डीपीई, सतीश शर्मा, ऋषि साहू, पूर्व सरपंच सुनील, नफे साहू, विजय डीपीई, राजरानी सांगवान, मुकेश सैनी, मुकेश फौगाट, मुंशीराम, नवीन कादयान, पूर्व सरपंच समसपुर सुरेन्द्र व ब्रजेश जांगड़ा सहित खिलाड़ी व खेलप्रेमी मौजूद रहे।


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