डिजिटल होंगी बलिदानियों की गौरव गाथाएं : दयाशंकर
डिजिटल होंगी बलिदानियों की गौरव गाथाएं दयाशंकर
डिजिटल होंगी बलिदानियों की गौरव गाथाएं : दयाशंकर
जागरण संवाददाता, बलिया : आजादी की जंग में जिले के क्रांतिकारियों की अनगिनत गौरव गाथाएं हैं। 1857 में बलिया के मंगल पांडेय ने क्रांति का जो बीज बोया था उसी का विराट स्वरूप 1942 की अगस्त क्रांति थी। सरकार जिले के सभी बलिदानियों की गौरव गाथाओं को डिजिटल करने जा रही है। यह बातें परिवहन मंत्री दयाशकर सिंह ने कही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन की तैयारी के लिए वह पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। कहा कि जिले के महापुरुषों के संघर्षों की कहानी डिजिटल होने से हर कोई उनके बारे में जान सकेगा। क्रांतिकारियों ने अपने संघर्षों के दम पर ही 1942 में जिले को कुछ दिनों के लिए आजाद घोषित कर दिया था। आमलोग उनके संघर्षों के बारे में बहुत कम जानते हैं। कहा कि जिला मुख्यालय पर डिजिटल संग्रहालय खोलने की मांग भी मुख्यमंत्री से करेंगे। सीएम के आगमन से जिले भर के लोग खुश हैं। यह पहला मौका है जब कोई सीएम बलिया बलिदान दिवस के कार्यक्रम में आ रहे हैं।