पुराने डीआरएम दफ्तर को हेरिटेज बनाना मुश्किल: जीएम
अंग्रेजों के जमाने में बने पुराने डीआरएम कार्यालय की इमारत को हेरिटेज में बदलने को लेकर रेलवे के अधिकारियो का खुश्क रवैया सामने आया है।
तरूण जैन, फिरोजपुर: अंग्रेजों के जमाने में बने पुराने डीआरएम कार्यालय की इमारत को हेरिटेज में बदलने को लेकर रेलवे के अधिकारियो का खुश्क रवैया सामने आया है। फिरोजपुर रेल मंडल के निरीक्षण पर पहुंचे उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बुधवार को सुबह सबसे पहले इसी कार्यालय का दौरा किया और उसमें रखी वस्तुओं को देखा, जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ अन्य रेलवे स्टेशनों का दौरा किया।
उन्होंने कहा कि इस इमारत में हेरिटेज जैसी कोई भी चीज नहीं है और इमारत पूरी तरह से जर्जर है, जिस कारण इसे विरासत में बदलना मुश्किल है। बेशक उन्होंने इसके तोड़ने संबंधी कोई बात ना कही हो, लेकिन जिस तरह से रेलवे अधिकारी बात कर रहे हैं, उससे साबित होता है कि इमारत को हेरिटेज में बदलने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है। 136 साल पुराने इस डीआरएम कार्यालय को अंग्रेजों ने बनवाया था, यहां पर कई ऐसी वस्तुएं आज भी विराजमान हैं, जोकि रेलवे की विरासत के बारे में बताती हैं, जब विभाग द्वारा इसे तोड़ने के आदेश जारी हुए तो संस्थाओ ने एकजुट होकर केंद्रीय मंत्रियो तक को इसे हेरिटेज में बदलने के लिए ज्ञापन भेजे थे, जिसके बाद भाजपा नेता राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने भी इस मुद्दे को केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोष के सामने उठाया था। मंत्री ने भी इमारत के प्रति सकरात्मक रवैया दिखाया था। एंटी क्राइम एंटी नारकोटिक्स के सदस्य सूरज मेहता ने कहा कि रेल मंत्री से लेकर जीएम को मेल के माध्यम से इरमारत को हेरिटेज में बदलने के लिए पत्र लिखा है।