धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित होगा धनारकुंड
संस, चम्पावत : लोहाघाट विकास खंड की ग्राम पंचायत गंगनौला के चनोड़ा तथा चिलकोट गांव की तलहटी में स्थित धनारकुंड को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन विभाग की पहल पर कुंड के सुंदरीकरण के लिए जिला योजना से 10 लाख की धनराशि स्वीकृत हो गई है। इस कुंड का अस्तित्व सतयुग से माना जाता है। मान्यता है कि कुंड में लोकदेवता अवतरित होकर स्नान करते थे।
चनोड़ा व चिलकोट की सीमा को विभाजित करती खोलीगाड़ नदी में स्थित कुंड में करीब 10 मीटर ऊपर से पानी गिरता है। दशकों पहले तक चनोड़ा से लोकदेवता अवतरित होकर कुंड में स्नान करते थे। किवंदती के अनुसार एक बार गल्लागांव की महिला का स्नान के दौरान कुंड में पीतल की लोटा गिर गया था। इससे वह काफी परेशान हो गई। रात में धनार बाबा ने स्वप्न में आकर बताया कि लोटा कुंड से करीब एक किलोमीटर दूर छंसी ताल में है। अगले दिन सुबह ही महिला उस स्थान पर पहुंची तो उसे लोटा मिल गया। इस ताल में पानी आज भी छांछ की तरह सफेद दिखाई देता है, जिससे उसे छंसी ताल कहा जाता है। कुंड से ठीक ऊपर पहाड़ी में चिलकोट का धानकेश्वर मंदिर है। जहां नवरात्र में रात्रि जागरण लगता है। लंबे समय से स्थानीय जनप्रतिनिधि कुंड के सुंदरीकरण की मांग कर रहे थे। गंगनौला के पूर्व प्रधान ललित मोहन जोशी, वर्तमान प्रधान कमला जोशी की ओर से जिला पर्यटन विभाग को ज्ञापन सौंपकर सुंदरीकरण की मांग की गई थी। राज्य की पहली अंतरिम सरकार के कार्यकाल में विधायक रहे कृष्ण चंद्र पुनेठा ने रास्ता व गेट के लिए 50 हजार की धनराशि प्रदान की थी। अब इस कुंड के सुंदरीकरण के लिए पर्यटन विभाग की ओर से बनाई गई 10 लाख की कार्ययोजना को मंजूरी मिल गई है। पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी एनएस भंडारी के समक्ष प्रजेंटेशन दिया था, जिसके बाद जिला योजना में इसका प्रावधान किया गया। पूर्व प्रधान ललित मोहन जोशी, प्रधान कमला जोशी, रुक्मणी जोशी, राकेश जोशी, धर्मानन्द जोशी, शंकर दत्त राय, संजय जोशी ने इसके लिए जिलाधिकारी व जिला पर्यटन अधिकारी का आभार जताया है।
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धनारकुंड के सुंदरीकरण के लिए जिला योजना से 10 लाख रुपये की स्वीकृति मिल गई है। शीघ्र कुंड के सुंदरीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा।
-अरविंद गौड़, जिला पर्यटन अधिकारी, चम्पावत