4 साल बाद फिर उठी जगन्नाथ महाप्रभु के रत्न भंडार खोलने की मांग, ASI ने लिखा पत्र
जगन्नाथ महाप्रभु के रत्न भंडार खोलने को लेकर फिर चर्चा का बाजार गर्म है। एएसआई ने रत्न भंडार के अंदरूनी हिस्से की जांच करने को मंदिर प्रबंधन कमेटी को पत्र लिखा है। मंदिर कमेटी ने कहा रत्न भंडार को खोलने की जरूरत है या नहीं यह कमेटी तय करेगी।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। पुरी जगन्नाथ मंदिर (Puri Jagannath Temple) के अन्दर मौजूद रत्न भंडार को खोलने की जरूरत है या नहीं यह मंदिर प्रबंधन कमेटी तय करेगी। प्रबंधन कमेटी द्वारा इस संदर्भ में निर्णय लिए जाने के बाद राज्य सरकार और कानून विभाग की अनुमति से रत्न भंडार (Ratna Bhandar)को खोला जा सकता है। रत्न भंडार खोलने को लेकर एएसआई द्वारा पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन को पत्र लिखे जाने के बाद विकास प्रशासक अजय कुमार जेना ( Ajay Kumar Jena) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बातें कही है।
कई सालों से बंद हैं रत्न भंडार
जगन्नाथ मंदिर के विकास प्रशासक जेना ने कहा है कि अगर रत्न भंडार खोलने का निर्णय लिया जाता है तो सेवक सहयोग करेंगे। कई सालों से रत्न भंडार नहीं खोला जा रहा है, ऐसे में रत्न भंडार के अन्दर की अवस्था कैसी है जानने के लिए 2018 में रत्न भंडार को खोलने का प्रयास किया गया था।
हालांकि उस जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। इस संदर्भ में पिछले 6 अगस्त को मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक के बाद एएसआई ने 8 अगस्त को जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक, कानून विभाग को रत्न भंडार के अंदरूनी भाग की जांच करने एवं मरम्मत करने के लिए पत्र लिखा है।
4 अप्रैल 2018 को हुआ था आंतरिक रत्नों का निरीक्षण
गौरतलब है कि ओडिशा हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार की ओर से 17 सदस्यीय कमेटी 4 अप्रैल 2018 को मंदिर के आंतरिक रत्नों का निरीक्षण करने गई थी। हालांकि यह कमेटी रत्न भंडार के अंदरूनी हिस्से का निरीक्षण किए बिना ही वापस आ गई थी।
इसके बाद पुरी जगन्नाथ मंदिर के प्रशासक ने कहा था कि रत्न भंडार के दरवाजे की चाबी गायब हो गई है, इससे रत्न भंडार नहीं को खोला जा सका। इसके बाद से रत्न भंडार का रहस्य बना हुआ है।
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