सरकारी क्वार्टर न मिलने से खफा मानसिक रोग के डा. अमित जिदल ने दिया इस्तीफा
शाही शहर में स्थित माता कौशल्या अस्पताल में पिछले पांच महीने पहले तैनात हुए मानसिक रोग के डा. अमित जिंदल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : शाही शहर में स्थित माता कौशल्या अस्पताल में पिछले पांच महीने पहले तैनात हुए मानसिक रोग के डा. अमित जिंदल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। एक माह पहले दिए गए इस्तीफे का कारण डा. जिंदल ने ये बताया कि उन्हें सेहत विभाग या फिर प्रशासन द्वारा रहने के लिए कोई सरकारी क्वार्टर अलाट नहीं किया गया। अब माता कौशल्या अस्पताल में मानसिक रोग का कोई भी डाक्टर मौजूद नहीं है। जिसके चलते अस्पताल में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
जानकारी के अनुसार माता कौशल्या अस्पताल सहित सिविल अस्पतालों में मानसिक रोगों के करीब चार पद हैं। इनमें से तीन पद खाली हो चुके हैं। सिर्फ यहां राजपुरा के सिविल अस्पताल में एक डाक्टर ही ड्यूटी कर रहा है। जानकारों के अनुसार बाकी तीन डाक्टर किसी न किसी कारण अपने पद से इस्तीफा दे गए हैं। बता दें कि राजपुरा, नाभा, समाना व पटियाला के माता कौशल्या अस्पताल में मानसिक रोग के माहिर डाक्टरों का एक-एक पद है। माता कौशल्या अस्पताल में मानसिक रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या ज्यादा है। अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 35 से 50 मानसिक रोग वाले मरीज आते हैं। मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर परेशान होना पड़ रहा है। जबकि अस्पताल में डाक्टर न होने के कारण अन्य डाक्टरों द्वारा मरीजों को राजिदरा अस्पताल में रैफर किया जा रहा है।
माता कौशल्या अस्पताल में करीब पांच महीने पहले तैनात हुए मानसिक रोगों के माहिर डा. अमित जिंदल ने बताया कि अस्पताल में नियुक्ति होने के बाद उन्हें विभाग व प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की सरकारी क्वार्टर की अलाटमेंट नहीं की गई। जिसके चलते परिवार को साथ रखने में परेशानी उठानी पड़ रही थी। उन्होंने कहा कि वह कोटकपुरा के रहने वाले हैं और सेहत विभाग को कोटकपुरा के नजदीक किसी अन्य अस्पताल में तबादले का आवेदन भी दिया था, पर उसे भी नजरअंदाज कर दिया गया। जिसके चलते मजबूरन पद से इस्तीफा देना पड़ा।
उधर, माता कौशल्या अस्पताल के कार्यकारी मेडिकल सुपरिटेंडेट व सीनियर मेडिकल अफसर डा. वरिदर गोयल ने कहा कि मानसिक रोग का डाक्टर न होने का मामला ध्यान में है। उन्होंने कहा कि जब उनकी तैनाती अस्पताल में हुई, तभी से ही मानसिक रोग वाला डाक्टर अस्पताल में नहीं आ रहा। डाक्टर की ड्यूटी से गैर मौजूदगी के मामले संबंधी जानकारी सेहत विभाग को भेज दी गई है। उच्चाधिकारियों द्वारा ही इस मामले पर कार्रवाई की जानी है। मानसिक डाक्टरों की कमी का मामला मेरे ध्यान में है। मरीजों को कोई परेशानी न हो इसलिए माता कौशल्या अस्पताल में मानसिक रोगों के मरीजों को राजिदरा अस्पताल में रैफर किया जा रहा है। वहां डाक्टर मौजूद हैं। वहीं, मानसिक रोगों के खाली पड़े डाक्टरों के पदों को भरने के लिए सरकार को मांग भेजी है। उम्मीद है कि सरकार जल्द डाक्टरों की तैनाती कर देगी।
डा. राजू धीर, सिविल सर्जन