Move to Jagran APP

साहबी में दूषित पानी, 21 को होगी महापंचायत

साहबी झील में छोड़े जा रहे दूषित पानी की समस्या का समाधान नहीं होने से आसपास के गांवों के ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 06:27 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 06:27 PM (IST)
साहबी में दूषित पानी, 21 को होगी महापंचायत
साहबी में दूषित पानी, 21 को होगी महापंचायत

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी : साहबी झील में छोड़े जा रहे दूषित पानी की समस्या का समाधान नहीं होने से आसपास के गांवों के ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट रहा है। सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल द्वारा साहबी में छोड़े जा रहे दूषित पानी की बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड (बीओडी) जांच कराने के आदेश के बाद भी अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे है। दूषित पानी से परेशान साहबी के आसपास बसे गांवों की महापंचायत 21 अगस्त को सुबह दस बजे गांव मसानी के बस स्टाप पर बुलाई गई है। सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है साहबी में कृत्रिम झील साहबी नदी क्षेत्र में सिचाई विभाग की ओर से कृत्रिम झील विकसित की गई है। सालों से बारिश के दिनों में अतिरिक्त पानी इस झील में छोड़ा जाता है। झील विकसित होने के बाद इसके किनारे हर साल प्रवासी पक्षी भी आते हैं। पहले जब झील में पूरी तरह से साफ पानी था तो बड़ी तादाद में प्रवासी पक्षी इसके किनारे कई-कई माह तक रहकर जाते थे। हजारों की तादाद में मछलियां झील में हो गई थी, जिससे इन पक्षियों को पर्याप्त भोजन भी मिल जाता था। झील को विकसित करना मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ड्रीम प्रोजेक्ट था। उन्होंने अपने भाषणों में कई बार इस झील का जिक्र भी किया था। इस झील के बनने के बाद आसपास के गांवों का जल स्तर भी बेहतर हुआ था। दूषित पानी से हो रहा नुकसान इस पूरी परियोजना को बट्टा तब लगा, जब शहर का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी साहबी क्षेत्र में छोड़ा जाने लगा। बीते दो सालों से इस झील में शहर का दूषित पानी छोड़ा जा रहा है। शर्त यह थी कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पानी को साफ करके यहां छोड़ा जाएगा, लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अकसर दूषित पानी ही यहां पर छोड़ देते हैं। इसका परिणाम यह रहा कि बीते दो सालों में झील में मौजूद सैकड़ों मछलियां मर चुकी है। प्रवासी पक्षियों ने भी आना कम कर दिया है। मंत्री से लगाई थी गुहार

prime article banner

19 जुलाई को गांव निखरी के ग्रामीणों ने सहकारिता मंत्री को समस्या से अवगत कराते हुए बताया था ऐसे ही दूषित पानी आता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यह झील महज एक जलभराव स्थल बनकर रह जाएगी। उनके गांव का भूमिगत जल खराब हो चुका है तथा जब हवा चलती है तो बदबू उनके घरों तक आती है। बदबूदार पानी से घरों में रहना भी मुश्किल हो रहा है। महापंचायत में लिया जाएगा निर्णय गांव रसगण के पूर्व सरपंच सुमन कुमार यादव ने बताया कि समस्या से परेशान ग्रामीणों का सब्र टूट रहा है। 21 अगस्त को बुलाई गई महापंचायत में दूषित पानी से प्रभावित गांव मसानी, निखरी, खरखड़ा, खलियावास, तीतरपुर, डूंगरवास, रसगण, भटसाना, निगानियावास, रालियावास, पंचगांव व जड़थल सहित आस-पास के अन्य गांवों के ग्रामीण शामिल होंगे और समाधान के लिए चर्चा कर आगामी निर्णय लिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK