Shri Krishna Janmashtami 2022: कान्हा के जन्म को लेकर दूर हुआ भ्रम, 19 को मनाएंगे जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शुक्रवार को मनायी जाएगी। इस पर्व को मनाने के लिए शास्त्रों में दो मत हैं। स्मार्त मत के लोग इसे अष्टमी के दिन मनाते हैं जबकि वैष्णव के अनुसार शास्त्रीय नियमानुसार अष्टमी तिथि में सूर्य उदय होने वाले दिन ही यह पर्व मनाया जाता है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। Shri Krishna Janmashtami 2022 : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों ने भी शुक्रवार को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने की बात कही है। सूर्योदय के समय पड़ने वाली तिथि को ही शुभ बताया गया है। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि भगवान कृष्ण का प्रादुर्भाव भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इस पर्व को मनाने के लिए शास्त्रों में दो मत वर्णित हैं।
स्मार्त मत में भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि के समय हुआ था। इसलिए इस मत के लोग अष्टमी वाले दिन इसे मनाते हैं। वहीं दूसरा मत वैष्णवों का है। इसमें प्रभु का जन्म अष्टमी में हुआ हो और शास्त्रीय नियमानुसार अष्टमी तिथि में सूर्य उदय होने वाले दिन ही यह पर्व मनाया जाता है। इसीलिए यह पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा।
20 अगस्त को Nandotsav : ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि गुरुवार को रात्रि 9.21 बजे तक सप्तमी रहेगी। इसके बाद अष्टमी शुरू हो जाएगी, जो शुक्रवार की रात्रि 11 बजे तक रहेगी। स्मार्तजन इसलिए गुरुवार को, वहीं वैष्णवजन शुक्रवार को जन्माष्टमी मनाएंगे। देश-विदेश में यह पर्व शुक्रवार को ही मनाया जाएगा। वहीं नंदोत्सव 20 अगस्त को सभी जगह मनाया जाएगा।
स्कूलों में शुक्रवार को रहेगा अवकाश : सरकारी संस्थानों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर अवकाश गुरुवार को निर्धारित था। एक दिन बढ़ जाने से माध्यमिक व बेसिक स्कूलों में यह अवकाश अब शुक्रवार के लिए घोषित कर दिया गया है। गुरुवार को सभी स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रतिदिन की भांति चलता रहेगा। इसके लिए district school inspector व District Basic Education Officer ने सभी स्कूल संचालकों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
इनका कहना है
जन्माष्टमी का पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। वैष्णव मत इसी दिन इस पर्व को मनाएंगे। देश-विदेश में भी यह पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। परिवार में खुशहाली के लिए यह पर्व मनाया जाता है।
- पं. विश्वनाथ पुरोहित, ज्योतिषाचार्य
जन्माष्टमी पर्व को लेकर स्मार्त व वैष्णव दो मत हैं। इनमें स्मार्त गुरुवार को व वैष्णव शुक्रवार को यह पर्व मनाएंगे। सूर्योदय के समय पड़ने वाला पर्व अधिक शुभ होता है।
-पं. उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी, ज्योतिषाचार्य