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76th Independence Day: न्याय देना केवल अदालतों की जिम्मेदारी नहीं -CJI एन वी रमणा

76th Independence Day भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमणा ने कहा कि सविंधान इस धारणा को खारिज करता है कि न्याय प्रदान करना केवल न्यायालयों की जिम्मेदारी है। सीजेआई ने कहा कि कार्यपालिका विधायिका और न्यायपालिका संवैधानिक न्याय कायम रखने में समान रूप से जवाबदेह है।

By Aditi ChoudharyEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2022 05:08 PM (IST)Updated: Mon, 15 Aug 2022 05:08 PM (IST)
76th Independence Day: न्याय देना केवल अदालतों की जिम्मेदारी नहीं -CJI एन वी रमणा
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमना ने उच्च न्यायालय में फहराया तिरंगा

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) जस्टिस एन वी रमणा ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि न्याय देना सिर्फ अदालतों का काम नहीं है। सीजेआई (CJI) एन वी रमणा ने कहा कि संवैधानिक भरोसे को बरकरार रखने में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की भूमिका समान है और संविधान इस धारणा को दूर करता है कि न्याय प्रदान करना केवल अदालतों की जिम्मेदारी है।

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लोकतंत्र में सबका दायित्व निर्धारित

76वें स्वतंत्रता दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में तिंरगा फहराने के बाद चीफ जस्टिस एन वी रमणा ने कहा कि लोकतंत्र में सभी का अलग अलग दायित्व निर्धारित किया गया है। संविधान की आर्टिकल 38 का हवाला देते हुए सीजेआई ने कहा कि समाज में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य की थी। राज्य के प्रत्येक अंग द्वारा किए सभी काम संविधान के हित में होना चाहिए और राज्य के तीनों अंग यानि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका संवैधानिक न्याय कायम रखने में समान रूप से जवाबदेह है।

अदालतों पर लोगों की अपार श्रद्धा

CJI रमणा ने कहा कि शीर्ष अदालत नागरिकों के विवादों को सुलझाने में मदद करती है। लोगों को पता है कि चीजें गलत होने पर अदालत उनके साथ खड़ी होगी। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रणाली लिखित संविधान के प्रति वचनबद्धता पर चलती है और लोगों की इसपर अपार आस्था है। सीजेआई रमणा ने कहा कि हमारे देश के लोगों की अपार श्रद्धा ही भारत की न्याय प्रणाली को सबसे अलग बनाती है। लोगों को भरोसा है कि उन्हें न्याय मिलेगा और कुछ भी गलत होने पर न्यायतंत्र उनके साथ खड़ा रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट लोकतंत्र की संरक्षक

सीजेआई रमणा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट विश्व की सबसे बड़ी लोकतंत्र की संरक्षक है। उन्होंने कहा कि आज हम 75 साल की परिवर्तनकारी यात्रा का जश्न मना रहे हैं जिसमें हमारा देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में उभरा कर सामने आया है। आज भारतीय लोग पूरी दुनिया में शीर्ष पदों पर काबिज हैं और वैश्विक भविष्य को आकार देने में बड़े पैमाने पर योगदान दे रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि हमें स्वतंत्र भारत की नींव रखने वाले सभी महान हस्तियों को धन्यवाद देना चाहिए जिन्होंने देश में महान संस्थानों की स्थापना की।


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