हिमाचल की राजनीति : बिखरते कुनबे को बचाना कांग्रेस के लिए चुनौती
Himachal Congress सत्ता में वापसी की राह देख रही कांग्रेस को प्रदेश की सत्तासीन भाजपा ने बुधवार को बड़ा झटका दे दिया है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं कांगड़ा से विधायक पवन काजल व नालागढ़ से विधायक लखविंद्र राणा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है।
शिमला, अनिल ठाकुर।
Himachal Congress, सत्ता में वापसी की राह देख रही कांग्रेस को प्रदेश की सत्तासीन भाजपा ने बुधवार को बड़ा झटका दे दिया है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं कांगड़ा से विधायक पवन काजल व नालागढ़ से विधायक लखविंद्र राणा ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। दो विधायकों को पार्टी में शामिल करवा कर सत्तासीन भाजपा ने कांग्रेस के कुनबे में खलबली मचा दी है। भाजपा दावा कर रही है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के कई और वरिष्ठ नेता पार्टी में शामिल होंगे। कांग्रेस भी दावा कर रही है कि जल्द ही भाजपा को बड़ा झटका देगी।
बिखरते कुनबे को बचाना प्रदेश कांग्रेस के समक्ष बड़ी चुनौती है। चुनावी साल में कांग्रेस में चल रही खींचतान से पार्टी का सत्ता में वापसी का सफर और कठिन हो सकता है। कांग्रेस हाईकमान ने करीब तीन माह पूर्व दिग्गज नेता स्व. वीरभद्र सिंह की आम जनता में छवि को देखते हुए प्रतिभा सिंह को पार्टी की कमान सौंपी थी।
हाईकमान ने अध्यक्ष के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए थे। इसका मकसद पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी को खत्म करना और हर जिले को नेतृत्व देना था। प्रतिभा सिंह मंडी से सांसद हैं। पूर्व में भी वह इस संसदीय सीट से चुनाव जीत चुकी हंै लेकिन संगठन में काम करने का अनुभव उनके पास नहीं है। पवन काजल हालीलाज के करीबी माने जाते हैं। वह पहला चुनाव निर्दलीय जीते थे और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह उनको कांग्रेस में लाए थे। लखविंद्र राणा सुखविंदर सिंह सुक्खू के खासमखास हैं।
सत्ता की राह में रोड़े अटकाएगा शीर्ष नेताओं का आपसी टकराव
कांग्रेस दावा कर रही है कि वह सत्ता में वापसी करेगी। लेकिन शीर्ष नेताओं का आपसी टकराव सत्ता की राह में रोड़े अटकाने का काम करेगा। इस बात से पार्टी हाईकमान भी भलीभांति परिचित है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के दौरों के दौरान अकसर विवाद व गुटबाजी देखने को मिलती रही है। एक गुट कार्यक्रम में आता है तो दूसरा उससे किनारा कर जाता है। इसी से चिंतित होकर प्रदेश प्रभारी को पत्र जारी करना पड़ा कि पार्टी के बड़े नेताओं का जिस भी जिला, ब्लाक में कार्यक्रम होगा वहां के बड़े नेता से लेकर ब्लाक व जिला कार्यकारिणी की उपस्थिति जरूरी है। संगठन से जुड़े लोग बताते हैैं कि पार्टी के शीर्ष नेता भले ही एकजुट होने की बात कह रहे हैं लेकिन अंदरखाते मुख्यमंत्री की दौड़ में सभी खुद को आगे मान रहे हैं।
सिरमौर व हमीरपुर में हुआ था विवाद
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की सिरमौर जिला के नाहन व उसके बाद हमीरपुर जिला के बड़सर में हुए दौरे के दौरान गुटबाजी देखने को मिली थी। पार्टी की इससे खूब फजीहत हुई थी। इसके अलावा कई नेता एक दूसरों के खिलाफ बयानबाजी भी करते रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस की प्रचार व प्रकाशन कमेटी के मुखिया पूर्व कैबिनेट मंत्री सुधीर शर्मा ने सभी को आदेश जारी किया था कि कोई भी नेता व्यक्तिगत प्रचार नहीं करेगा।
तीन घंटे तक पार्टी मुख्यालय में फीडबैक लेती रहीं प्रतिभा
प्रतिभा सिंह बुधवार को पार्टी मुख्यालय दोपहर 12 बजे पहुंची। यहां पर उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे विधायकों से भी फोन पर बात की। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत कर डैमेज कंट्रोल को लेकर लंबी चर्चा की है। कांग्रेस भी इसी तरह के बड़े झटके भाजपा को देने की बात कह रही है।