नाल्को करेगी 40 हजार करोड़ निवेश
भुवनेश्वर। अल्युमिनियम क्षेत्र की दिग्गज कंपनी नाल्को नई और मौजूदा परियोजनाओं पर 40 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगी। परमाणु ऊर्जा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी एनपीसीआइएल के साथ अपने संयुक्त उपक्रम के जरिए नाल्को जल्द ही बिजली क्षेत्र में भी प्रवेश करेगी। नाल्को के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बीएल बागरा ने कहा कि इस निवेश से कंपनी कई नई पि
भुवनेश्वर। अल्युमिनियम क्षेत्र की दिग्गज कंपनी नाल्को नई और मौजूदा परियोजनाओं पर 40 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगी। परमाणु ऊर्जा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी एनपीसीआइएल के साथ अपने संयुक्त उपक्रम के जरिए नाल्को जल्द ही बिजली क्षेत्र में भी प्रवेश करेगी।
नाल्को के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बीएल बागरा ने कहा कि इस निवेश से कंपनी कई नई परियोजनाएं शुरू करेगी। पश्चिमी ओडिशा में 16 हजार करोड़ रुपये के निवेश से एक नया स्मेल्टर संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए ओडिशा सरकार के साथ बातचीत चल रही है। वहीं गुजरात में 4,500 करोड़ रुपये के निवेश से अल्युमिना रिफाइनरी स्थापित की जाएगी। इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कंपनी ने भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड [एनपीसीआइएल] के साथ संयुक्त उपक्रम बनाया है। दोनों कंपनियां इस उपक्रम के जरिए गुजरात में 11 हजार करोड़ रुपये के निवेश से काकरापार की तीसरी और चौथी इकाई स्थापित करेंगी।
कंपनी आंध्र प्रदेश में भी 14 लाख टन उत्पादन क्षमता वाली अल्युमिना रिफाइनरी स्थापित करेगी। इसके लिए कच्चा माल प्रदेश में स्थित कंपनी की बॉक्साइड खदानों से हासिल होगा। संयंत्र का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इससे दिसंबर तक उत्पादन शुरू होने के आसार हैं। कंपनी आंध्र प्रदेश में ही 274 करोड़ रुपये के निवेश से 50.4 मेगावाट क्षमता का पवन ऊर्जा संयंत्र भी लगा रही है। इतनी ही क्षमता के दूसरे पवन ऊर्जा संयंत्र की परियोजना पर भी जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।
नाल्को तीसरा पवन ऊर्जा संयंत्र ओडिशा के कोरापुट जिले में लगाएगी। यहां 15 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र बनाने पर भी विचार चल रहा है। कंपनी ने प्रदेश के सुंदरगढ़ जिले में 4,000 मेगावाट क्षमता की बेदाबहल अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट [यूएमपीपी] परियोजना में भी रुचि दिखाई है। इसके लिए साल के अंत तक कंपनी बोली जमा कर सकती है। बेहतर बोली लगाने के लिए कंपनी भेल, एनएमडीसी और नेवेली लिग्नाइट जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के साथ समूह बनाने की तैयारी कर रही है।
विस्तार योजना के तहत नाल्को ने स्टील क्षेत्र में भी उतरने की तैयारी की है। कंपनी ओडिशा के बारबिल स्थित कलिंगा आयरन वर्क्स लिमिटेड [केआइडब्ल्यूएल] का अधिग्रहण कर सकती है। कंपनी ने राज्य सरकार को 10 लाख टन सालाना क्षमता वाले इस संयंत्र के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया है। बागरा ने कहा कि नाल्को 7,500 करोड़ रुपये के निवेश से ओडिशा स्थित विभिन्न संयंत्रों का क्षमता विस्तार करेगी। विस्तार योजना पूरी होने पर कंपनी की सालाना बाक्साइड खनन क्षमता बढ़कर 63 लाख टन और अल्युमिना रिफाइनिंग क्षमता बढ़कर 21 लाख टन हो जाएगी। इसी तरह अल्युमिना स्मेल्टर क्षमता बढ़कर 4.6 लाख टन और कैप्टिव बिजली उत्पादन क्षमता 1,200 मेगावाट हो जाएगी।
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