एयरलाइंस में एफडीआइ से ज्यादा खुश नहीं विदेशी कंपनियां
विमानन क्षेत्र में एफडीआइ के फैसले से भारतीय उद्योग जगत भले ही खुश हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय विमानन संस्था इंटरनेशनल एयर ट्रासपोर्ट एसोसिएशन (आइयाटा) इसको लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है। संस्था का कहना है कि ऊंचे टैक्स और महंगी बुनियादी संरचना जैसे मुद्दों पर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। आइयाटा इंडिया के
मुंबई। विमानन क्षेत्र में एफडीआइ के फैसले से भारतीय उद्योग जगत भले ही खुश हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय विमानन संस्था इंटरनेशनल एयर ट्रासपोर्ट एसोसिएशन (आइयाटा) इसको लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं है। संस्था का कहना है कि ऊंचे टैक्स और महंगी बुनियादी संरचना जैसे मुद्दों पर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
आइयाटा इंडिया के डायरेक्टर, अमिताभ खोसला ने कहा कि टैक्स और बुनियादी संरचना को सस्ता किए बिना सरकार को एफडीआइ छूट का ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा। हालाकि, खोसला ने इस फैसले को सकारात्मक बताते हुए कहा कि विदेशी खिलाड़ियों की भारतीय एयरलाइंस में रुचि बढ़ेगी। इससे घरेलू एयरलाइंस को फायदा पहुंचेगा। लेकिन, एफडीआइ मंजूरी को रामबाण की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। सरकार को नीतियों के ढाचे में बदलाव के बारे में सोचना चाहिए।
सरकार ने 49 फीसद तक एफडीआइ को मंजूरी देकर सराहनीय कदम उठाया है। परेशानी में फंसी कई घरेलू विमानन कंपनियों को इस फैसले से अपनी रणनीति बदलने का मौका मिलेगा। वे अपने लिए विदेशी सहयोगी ढूंढ सकती हैं। खोसला ने कहा कि एफडीआइ पर लिए गए साहसिक फैसले से न केवल कंपनियों बल्कि लोगों को भी फायदा पहुंचेगा। फिलहाल देश में ज्यादा से ज्यादा एयरलाइंस की जरूरत है।
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