पांच फीसदी रहेगा औद्योगिक उत्पादन
आर्थिक सुस्ती की वजह से चालू वित्त वर्ष में देश का औद्योगिक उत्पादन 5.1 फीसदी की दर से बढ़ेगा। यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले ज्यादा है लेकिन पिछले सात साल के औसत से कम है। आर्थिक थिंक टैंक सीएमआइई ने यह अनुमान जताया है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी [सीएमआइई] ने अपनी मासिक समीक्षा में कहा कि वित्त वर्ष 2012-13
मुंबई। आर्थिक सुस्ती की वजह से चालू वित्त वर्ष में देश का औद्योगिक उत्पादन 5.1 फीसदी की दर से बढ़ेगा। यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले ज्यादा है लेकिन पिछले सात साल के औसत से कम है। आर्थिक थिंक टैंक सीएमआइई ने यह अनुमान जताया है।
सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी [सीएमआइई] ने अपनी मासिक समीक्षा में कहा कि वित्त वर्ष 2012-13 में औद्योगिक उत्पादन औसत से कम रहेगा। वर्ष 2004-05 और 2011-12 के बीच की अवधि में यह वृद्धि दर 7.9 फीसदी रही थी। पिछले साल इसमें सिर्फ 2.9 फीसदी की दर से बढ़ोतरी हुई थी। सीएमआइई के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में देश में बिजली उत्पादन 10.4 फीसदी की दर से बढ़ेगा। जबकि विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 4.3 फीसदी और खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 3.7 फीसदी रह सकती है।
बिजली क्षेत्र की यह वृद्धि दर पिछले 23 साल में सबसे ज्यादा रहेगी। ताप विद्युत उत्पादन में इस साल 11.9 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में कोयले की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद है। कोयले का उत्पादन 6.8 फीसदी की दर से बढ़ सकता है, जबकि आयात में 28.3 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो सकती है। गो और नो गो एरिया का वर्गीकरण समाप्त होने और नए क्षमता विस्तार के कारण कोयला क्षेत्र का उत्पादन बढ़ेगा। पिछले साल इसमें 1.2 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई थी। पिछले साल बिजली क्षेत्र में हुई रिकॉर्ड वृद्धि से ताप विद्युत ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में खासा बदलाव आ सकता है। इस साल 2,000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन क्षमता के साथ परमाणु बिजली उत्पादन की वृद्धि दर 17.1 फीसदी रहने का अनुमान है। हालाकि कम बारिश के कारण जल विद्युत उत्पादन क्षमता स्थिर रह सकती है।
खनन क्षेत्र का उत्पादन इस साल 3.7 फीसदी बढ़ेगा, जबकि पिछले साल इसमें दो फीसदी की गिरावट आई थी। कर्नाटक में खनन कार्य करने वाली छह कंपनियों को अगस्त 2012 से लौह अयस्क का उत्पादन दोबारा शुरू करने की मंजूरी मिली है। अगले दो तीन महीनों में 37 अन्य कंपनिया यहा उत्पादन दोबारा शुरू कर सकती हैं। सीएमआइई ने कहा कि पिछले साल विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि का काफी कम हुआ है। बीते साल इस क्षेत्र के तहत बिजली उपकरणों के उत्पादन में 22.2 फीसदी की गिरावट आई थी।
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