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दिसंबर के बाद पता चलेगा देश में कितना काला धन

देश में कितना काला धन है इसकी जानकारी अब इस साल के अंत तक ही मिल पाएगी। देश में काले धन का आकलन कर रही तीनों संस्थाएं इस साल दिसंबर में ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगी। इन संस्थाओं को वैसे इसी महीने रिपोर्ट देनी थी। इस साल मार्च में सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी

By Edited By: Published: Fri, 07 Sep 2012 10:59 AM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2012 12:19 PM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में कितना काला धन है इसकी जानकारी अब इस साल के अंत तक ही मिल पाएगी। देश में काले धन का आकलन कर रही तीनों संस्थाएं इस साल दिसंबर में ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगी। इन संस्थाओं को वैसे इसी महीने रिपोर्ट देनी थी। इस साल मार्च में सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी , नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल मैनेजमेंट और नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) को देश में काले धन की राशि का पता लगाने का जिम्मा सौंपा था।

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इन संस्थाओं को काले धन के आकलन के साथ-साथ इससे निपटने के उपाय सुझाने को भी कहा गया था। संस्थाओं को अपनी रिपोर्ट सितंबर, 2012 तक सौंपने को कहा गया था। राज्यसभा में दिए एक लिखित उत्तर में वित्ता राज्य मंत्री एसएस पलानिमणिक्कम ने बताया है कि तीनों संस्थाओं का अध्ययन अब दिसंबर, 2012 तक पूरा होने की उम्मीद है। उसके बाद ही ये सरकार को अपनी रिपोर्ट देने में सक्षम होंगी। तीनों को उन क्षेत्रों की पहचान करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है, जहा काले धन के सृजन की सबसे ज्यादा संभावना रहती है। एनआइपीएफपी ने ही पहली बार 1985 में एक अध्ययन कर देश में मौजूद काले धन का अनुमान लगाया था। उस वक्तदेश में करीब 14,000 करोड़ रुपये का काला धन होने की बात कही गई थी।

इसके अतिरिक्त सरकार काले धन के सृजन को रोकने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) प्रमुख की अध्यक्षता में एक समिति भी बना चुकी है। अपनी रिपोर्ट में समिति ने दावा किया था कि उसकी सिफारिशों को समयबद्ध तरीके से लागू किया गया तो देश में काले धन की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। मौजूदा कानून के तहत ही कुछ ऐसे नियम हैं, जिसका फायदा उठा कर देश-विदेश में अर्जित आय की घोषणा की जा सकती है। समिति ने रीयल एस्टेट में काले धन की निगरानी पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की बात कही है। यही वजह है कि हर तरह की संपत्तियों की खरीद- फरोख्त से पहले आयकर विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने का प्रावधान करने को कहा गया है। पहले इस तरह का एक नियम था, जिसके तहत 30 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्तियों की बिक्री से पहले एनओसी की जरूरत होती थी।

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