टैक्स के आंकड़े दिखा रहे मंदी की तस्वीर
विकास की धीमी होती रफ्तार के बीच अब कंपनियों ने भी मंदी की दिशा में बढ़ने के संकेत देने शुरू कर दिए हैं। चालू वित्त वर्ष 2011-12 की दूसरी तिमाही में कंपनियों के अग्रिम कर के आंकड़े औद्योगिक मंदी की डरावनी संभावित तस्वीर दिखा रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो: विकास की धीमी होती रफ्तार के बीच अब कंपनियों ने भी मंदी की दिशा में बढ़ने के संकेत देने शुरू कर दिए हैं। चालू वित्त वर्ष 2011-12 की दूसरी तिमाही में कंपनियों के अग्रिम कर के आंकड़े औद्योगिक मंदी की डरावनी संभावित तस्वीर दिखा रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले इस अवधि में कई कंपनियों के अग्रिम कर में तेज गिरावट दर्ज की गई है।
अग्रिम कर के आंकड़े सरकार के लिए इसलिए भी चिंता पैदा कर रहे हैं कि यह गिरावट सिर्फ मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सेवा क्षेत्र में भी धीमेपन के संकेत दिख रहे हैं। जुलाई से सितंबर की तिमाही में मारुति सुजुकी से लेकर स्टील अथॉरिटी आफ इंडिया और भारती एयरटेल से लेकर भारतीय स्टेट बैंक तक पिछली तिमाही के मुकाबले कम अग्रिम कर जमा कराने वालों में शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, पिछली तिमाही के मुकाबले कम अग्रिम कर जमा कराने वालों में तेल क्षेत्र की कंपनियां भी हैं। कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों के चलते इन कंपनियों के मार्जिन में हो रही कमी का असर इनके मुनाफे पर पड़ने की आशंका है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, नेशनल अल्युमिनियम कंपनी, राष्ट्रीय इस्पात निगम, आइसीआइसीआइ बैंक और हुंडई मोटर्स के नाम भी कम अग्रिम कर जमा कराने वाली कंपनियों की सूची में शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि ऑटो कंपनियों की बिक्री में हो रही गिरावट को परिलक्षित करते हुए मारुति सुजुकी ने दूसरी तिमाही में मात्र 120 करोड़ रुपये का अग्रिम कर जमा कराया है। यह पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 55.58 प्रतिशत कम है। हुंडई ने 13.52 प्रतिशत कम 81 करोड़ रुपये अग्रिम कर दूसरी तिमाही में जमा कराया है। इंडियन ऑयल ने दूसरी तिमाही में अग्रिम कर एकदम जमा नहीं कराया है। पिछले साल की इस तिमाही में कंपनी ने 351 करोड़ रुपये अग्रिम कर जमा किया था। भारत पेट्रोलियम के अग्रिम कर में 83 प्रतिशत की कमी आई है।
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