औद्योगिक उत्पादन में सुधार के संकेत
बुनियादी आठ उद्योगों ने फरवरी में 6.8 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की। एक साल पहले यह वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत थी।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। वित्त वर्ष 2011-12 खत्म होते-होते औद्योगिक उत्पादन में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं। बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में फरवरी में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस सुधार में बड़ी हिस्सेदारी कोयला क्षेत्र की रही। कोयला उत्पादन में 17.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस साल जनवरी में यह वृद्धि दर 0.5 फीसद थी।
वैसे, चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीने में आठ प्रमुख उद्योगों की विकास दर 4.4 प्रतिशत रही है। इनमें सीमेंट, कोयला, तैयार स्टील, बिजली, रिफाइनरी उत्पाद, कच्चा तेल, उर्वरक और प्राकृतिक गैस शामिल हैं। इन प्रमुख उद्योगों के प्रदर्शन से अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका असर देश के औद्योगिक उत्पादन पर भी दिखाई देगा। महंगाई की दर घटी है। रिजर्व बैंक ने उद्योगों को कर्ज मुहैया कराने के लिए बैंकों की नकदी की स्थिति सुधारने के भी कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी भी संकेत दे चुके हैं कि केंद्रीय बैंक अगले महीने मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू कर सकता है। सरकार के इन कदमों का असर अगले वित्त वर्ष 2012-13 की शुरुआत से ही औद्योगिक गतिविधियों पर पड़ सकता है।
प्रमुख उद्योगों के उत्पादन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक सबसे महत्वपूर्ण बदलाव कोयला क्षेत्र में देखा गया है। पिछले साल फरवरी में कोयले के उत्पादन में 5.8 प्रतिशत की कमी हुई थी। चालू वित्त वर्ष में भी अक्टूबर के महीने तक कोयले के उत्पादन में कमी रही। इसके बाद से उत्पादन में सुधार के संकेत दिखे।
-बुनियाद का हाल-
क्षेत्र, फरवरी,12, फरवरी,11
सीमेंट, 10.8, 6.5
कोयला, 17.8, -5.8
बिजली, 8.0, 7.2
स्टील , 4.3, 18.5
पेट्रो रिफाइनरी, 6.2, 3.2
कच्चा तेल, 0.4, 12.2
उर्वरक, 4.1, 4.8
प्राकृतिक गैस, -7.6,
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