Move to Jagran APP

जनता के अनुरूप बने शिक्षा नीति : महतो

संसू कर्रा शिक्षा

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 10:19 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 10:19 PM (IST)
जनता के अनुरूप बने शिक्षा नीति : महतो
जनता के अनुरूप बने शिक्षा नीति : महतो

जनता के अनुरूप बने शिक्षा नीति : महतो

loksabha election banner

संसू, कर्रा : शिक्षा के विकास में झारखंड पिछड़ा प्रदेश के रूप में जाना जाता है। सरकार और प्रशासन यहां के लोगों के अनुरूप शैक्षणिक कार्य देने में विफल रहा। उक्त बातें झारखंड अधिविद्य परिषद के अध्यक्ष डा. अनिल कुमार महतो ने कही। वह शुक्रवार को पंचपरगना किसान कालेज बुंडू में एनसीसी और हिंदी विभाग के तत्वावधान में बलिदानियों के सम्मान में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव की पूर्व संध्या पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 63 प्रतिशत खनिज संपदा से भरा झारखंड प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। वर्ष 1984 में शिक्षा नीति बनी। ओपन यूनिवर्सिटी का झारखंड के लोगों को अभी तक कोई लाभ नहीं मिला। वर्तमान समय में भी गांव के सुदूर देहात में निवास करने वाले छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार और प्रशासन को जनता से मिलकर स्थानीय भाषा संस्कृति को बढ़ावा देते हुए कार्य करना चाहिए। डाक्टर अनिल कुमार महतो ने कहा कि शिक्षा के विकास से ही राज्य व समाज समृद्ध होगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में एसडीएम बुंडू राजेश कुमार साव ने कहा कि छात्र जीवन बहुत ही अनमोल जीवन है, इसलिए छात्रों को अपने भविष्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। छात्र जीवन में असामाजिक तत्व एवं अपराधिक गतिविधियों से दूर रहकर शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सरकार क्षेत्रीय एवं स्थानीय भाषा के विकास एवं रोजगार के क्षेत्र में लगातार प्रयास कर रही है। छात्रों को इसका लाभ उठाना चाहिए। एनसीसी के प्रभारी डा. राधारमण साहू ने कहा कि शहीदों के सम्मान से ही हमारे भारत का गौरव देश-दुनिया में बढ़ेगा। झारखंडी भाषा व संस्कृति हमारी शान है। भाषा-संस्कृति के विकास से ही राज्य और देश की समृद्धि होगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डा. अरुण कुमार ने की। कार्यक्रम के अंत में डा. आदित्य कुमार महतो के द्वारा कुरमाली भाषा में लिखित एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। मौके पर कालेज के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नाटक का मंचन कर लोगों का मन मोहा। नाटक मंचन में भगत सिंह की फांसी का दृश्य सबसे शानदार रहा। मौके पर प्रोफेसर महेश कुमार, डा. चक्रधर महतो, डा. वंदना कुमारी, गंगा गुप्ता, डा. सुधांशु कुमार, भूतनाथ प्रमाणिक, प्रोफेसर अमरेश कुमार, सुभाष दास गोस्वामी, डाक्टर सुभाष मुंडा, विधु भूषण शुक्ला, एनसीसी के सभी अंडर अफसर पूर्व अंडर आफिसर के अलावा बड़ी संख्या में छात्र एवं अभिभावक गण मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.