विदुर कुटी समेत छह स्थल पर विकसित होंगे पर्यटन केंद्र
बिजनौर, जागरण टीम। विदुर कुटी सहित छह स्थलों को पर्यटन केंद्र बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। सभी स्थलों के लिए 50-50 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। पर्यटन केंद्रों के लिए जिले को पहली बार बजट स्वीकृत हुआ है। इस प्रस्ताव से भविष्य में अन्य पर्यटन केंद्र बनने की भी उम्मीद जगी है।
जिले में धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों की अच्छी-खासी संख्या है। विदुर कुटी जिले का सबसे अहम स्थल है। गंज क्षेत्र में गंगा किनारे महात्मा विदुर की तपोभूमि विदुर कुटी में भगवान श्रीकृष्ण के भी चरण पड़े थे। महाभारत युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन के 56 भोग ठुकराकर विदुर कुटी में बथुए का साग खाया था। विदुर कुटी पर महात्मा विदुर और श्रीकृष्ण का मंदिर बना है। इसे देश के आइकोनिक स्थलों में चयनित किया गया है। विदुर कुटी को काफी लंबे समय से पर्यटन केंद्र बनाने की मांग उठ रही थी। इसके बावजूद इससे संबंधित कोई प्रस्ताव धरातल पर नहीं उतर पाया। हैरतजनक बात यह रही कि विदुर कुटी में जनता के लिए सामूहिक शौचालय तक नहीं बन पाया। गंगा की धारा भी यहां से करीब दो किलोमीटर दूर बह रही है। विदुर कुटी समेत छह स्थानों को पर्यटन केंद्र बनाने के लिए प्रस्ताव भेजे गए थे। विधायकों के इन प्रस्तावों को प्रदेश सरकार ने हरी झंडी देते हुए बजट जारी कर दिया है। विदुर कुटी पर सामूहिक शौचालय, चांदपुर में प्राचीन मेला स्थल, बढ़ापुर में नमीथला वाले बाबा के स्थल के पास सड़क-शौचालय आदि बनाने, शेरकोट में खो बैराज व नजीबाबाद में दरगाह-ए-आलिया मजार-ए-हिंद के सुंदरीकरण के प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं।
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गंगा की धारा लाने की कोशिश
विदुर कुटी से गंगा की धारा वर्तमान में करीब दो किलोमीटर दूर बह रही है। विदुर कुटी पर गंगा की छोटी धारा लाने के लिए कई सामाजिक संस्था प्रयास में लगी हैं। गंगा सुधार समिति के अध्यक्ष विकास अग्रवाल विदुर कुटी के पास पुराने घाटों पर गंगा की धारा लाने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं।
इनका कहना है
विदुर कुटी समेत कुछ पर्यटन केंद्रों के लिए बजट मंजूर हुआ है। जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार पर्यटन केंद्रों को संवारने का काम किया जाएगा।
-बृजपाल सिंह, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, बरेली