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Bihar Politics: कांग्रेस को महागठबंधन सरकार में चाहिए और मंत्री पद, अब ऊपर से हो रहा प्रयास

Bihar Politics महागठबंधन सरकार में दो और मंत्रियों के लिए कांग्रेस की कोशिश जारी। कांग्रेस की किसी सवर्ण को मंत्री बनाने की मुहिम रह गई अधूरी। प्रदेश के कई नेता दो पद मिलने से संतुष्ट नहीं पर बोलने से परहेज

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 01:26 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 01:48 PM (IST)
गुलाम नबी आजाद, नीतीश कुमार, तेजस्‍वी यादव, मदन मोहन झा। जागरण

सुनील राज, पटना। Nitish Cabinet Expansion: प्रदेश में भले ही महागठबंधन की सरकार का गठन हो चुका हो। सरकार ने कामकाज भी शुरू कर दिया हो, लेकिन गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस में मंत्रिमंडल में मिली हिस्सेदारी से संतुष्ट नहीं है। पार्टी के केंद्रीय स्तर के नेताओं के साथ ही बिहार के नेता भी फिलहाल दबी जुबान से मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी को लेकर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि एक दावा यह भी किया जा रहा है कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नीतीश मंत्रिमंडल में कांग्रेस के दो अन्य नेताओं को शामिल करने की कोशिशों में जुटा है। उम्मीद की जा रही है इसका फलाफल बेहतर निकलेगा। 

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सवर्ण को मंत्री बनाने की मुहिम अधूरी 

महागठबंधन सरकार में कांग्रेस को दो मंत्री पद मिले हैं। हालांकि पार्टी की दावेदारी चार से पांच पद की थी। लेकिन तमाम प्रयास और कोशिशों के बाद भी कांग्रेस अपने मकसद को पूरा नहीं कर पाई। चार पद मिलते तो कांग्रेस कोटे से अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और सवर्ण समुदाय के नेता मंत्रिमंडल में रहते। अभी जिन्हें मंत्र पद सौंपा गया है उनमें एक अल्पसंख्यक समाज से आते हैं तो दूसरे अनुसूचित जाति से। पार्टी को किसी सवर्ण को मंत्री बनाने की मुहिम पूरी नहीं हो पाई। 

गुलाम नबी आजाद ने भी जताई थी नाराजगी 

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने सरकार में संख्या बल पर हिस्सेदारी को लेकर सवाल उठाए हैं। आजाद ने अपने बयान में कहा कि संख्या बल के आधार पर कैबिनेट मंत्रियों के पद का बंटवारा तर्कपूर्ण नहीं। उन्होंने कहा राजद (RJD) के पास 79 विधायक हैं तो उन्हें 17 मंत्री पद मिल गए। जदयू के पास 46 (निर्दलीय समेत) विधायक हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री लगाकर 12 पद मिले हैं। यहां तक की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के चार विधायक हैं तो उसे भी एक मंत्री पद मिला। लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं तो उसे कम से कम चार से पांच पद अवश्य दिए जाने चाहिए थे। 

दो और मंत्री पद मिलने की उम्‍मीद 

आजाद की इस मांग का समर्थन बिहार कांग्रेस के पुराने और वरिष्ठ नेता विजय शंकर दुबे ने भी की है। वे कहते हैं कि हमें उम्मीद थी कि चार से पांच मंत्री पद अवश्य मिलेंगे। हालांकि ऐसा हो नहीं पाया। वे कहते हैं कि पार्टी नेतृत्व इस दिशा में प्रयासरत है और उम्मीद है कि कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस के कम से कम दो अन्य विधायकों को मंत्री बनने का मौका जरूर मिलेगा। पार्टी प्रवक्ता असित नाथ तिवारी कहते हैं दो मंत्री पद मिलने से कांग्रेस में नाराजगी तो है लेकिन उम्मीद की जा रही है जो भी समस्या का उसका समाधान कर लिया जाएगा। वैसे भी पार्टी नेतृत्व ने बिहार प्रभारी भक्त चरण दास महागठबंधन नेताओं से इस संबंध में लगातार बात कर रहे हैं। उम्मीद है बेहतर नतीजे निकलेंगे।


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