बिहार के बाहुबली नेता सुनील पांडेय मिर्ज़ापुर से गिरफ़्तार, आठ साल पहले भी गए थे जेल, जानिए कोर्ट बम ब्लास्ट कांड जिसमें हुए थे बरी
भोजपुर के तरारी विधानसभा के पूर्व विधायक सुनील पांडेय यूपी के मिर्जापुर जिले से गिरफ्तारी को लेकर एक बार फिर विवादों में आ गए है। आठ साल पहले आरा टाउन थाना पुलिस ने कोर्ट बम ब्लास्ट कांड में पूर्व विधायक को अप्राथमिकी आरोपित बनाते हुए जेल भेजा था।
जागरण संवाददाता, आरा: भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा के पूर्व विधायक सुनील पांडेय उर्फ नरेन्द्र पांडेय यूपी के मिर्जापुर जिले से गिरफ्तारी को लेकर एक बार फिर विवादों में आ गए है। हालांकि, वे पहले से भी भोजपुर एवं रोहतास जिले में कई छोटे-बड़े मामलों को लेकर पुलिस फाइलों में आरोपित रहे हैं। आठ साल पहले आरा टाउन थाना पुलिस ने कोर्ट बम ब्लास्ट कांड में पूर्व विधायक को अप्राथमिकी आरोपित बनाते हुए जेल भेजा था। हालांकि, करीब चार साल बाद कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था।
2000 में पहली बार चुनाव जीते
मूल रूप से रोहतास जिले के काराकाट थाना के नावाडीह गांव निवासी पूर्व विधायक सुनील पांडेय का राजनीतिक कार्य क्षेत्र भोजपुर जिला रहा है। 2020 में तरारी सीट से निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े थे। हालांकि, कड़ी टक्कर देने के बाद वे हार गए थे। समता पार्टी से राजनीति का सफर शुरू करने वाले पांडेय की शुरुआती छवि बाहुबली की रही। भोजपुर के पीरो विधानसभा क्षेत्र से 2000 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और थे विधायक चुन लिए गए थे। इसके बाद जीत की हैट्रिक लगाई थी। राजनीति सफर में जदयू से लेकर लोजपा तक से जुड़ चुके हैं।
23 जनवरी 2015 को आरा सिविल कोर्ट में हुआ था बम ब्लास्ट
बता दें कि 23 जनवरी 2015 को आरा सिविल कोर्ट में बम ब्लास्ट हुआ था। उसमें बम लेकर यूपी की महिला नगीना देवी की मौत हो गई थी। कोर्ट हाजत की सुरक्षा में तैनात सिपाही अमित कुमार भी बलिदानी हो गये थे। करीब 20 लोग जख्मी हो गए थे। धमाके के बीच पेशी के लिए कोर्ट पहुंचे लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय भाग निकले थे। इस मामले में पीरो के रहने वाले कुख्यात लंबू शर्मा व नोनार गांव के अखिलेश उपाध्याय सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
बम ब्लास्ट के आरोप में सुनील पांडेय को जेल जाना पड़ा
जांच के क्रम में चांद मियां, नईम मिया व प्रमोद सिंह सहित अन्य के नाम आये थे। बाद में जांच यूपी के बाहुबली नेता ब्रजेश सिंह, यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और पीरो के पूर्व विधायक सुनील पांडेय तक भी पहुंची थी। इस मामले में सुनील पांडेय को जेल भी जाना पड़ा। जेल में बंद एक अपराधी से फोन पर बात करने के आधार पर पुलिस ने 11 जुलाई 2015 को जेल भेजा था।
18 अगस्त 2019 को हुए बरी
ब्रजेश सिंह की भी आरा कोर्ट में पेशी हुई थी, लेकिन साक्ष्य के अभाव में पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की। मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी पुलिस को कोई साक्ष्य नहीं मिला था। 18 अगस्त 2019 को कोर्ट बम कांड में अदालत ने अपना फैसला सुनाया था। इस मामले में पूर्व बाहुबली विधायक सुनील पांडेय समेत तीन को अदालत ने बरी कर दिया था। वहीं, आठ लोगों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी।
तीन महीना पहले भी हुआ था केस
मई 2022 में रोहतास जिले के काराकाट थाना क्षेत्र के नावाडिह गांव में पूर्व विधायक सुनील पांडेय के वैवाहिक वर्षगांठ पर डांसर सपना चौधरी का कार्यक्रम हुआ था। रंगा रंग कार्यक्रम में कुछ लोगों द्वारा हर्ष फायरिंग करते वीडियो वायरल हुआ था। इसे लेकर काराकाट थाना में शस्त्र अधिनियम एवं लाउडस्पीकर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था।