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विकसित कालोनियों में मिल सकेंगी मूलभूत सुविधाएं

आमजन को आवश्यक सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने के लिए नगर पालिका व परिषद सीमा से बाहर व जिला नगर योजनाकार कार्यालय के नियंत्रित क्षेत्र में अवैध कालोनियों को नियमित करने की नीति की अधिसूचना जारी की है। जिला नगर योजनाकार सतीश पूनिया ने बताया कि यह नीति निकाय की सीमा से बाहर निजी भूमि पर विकसित उन अवैध कालोनियों पर लागू होगी जो एक जुलाई 2022 से पहले बनी हो।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 06:23 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 06:23 PM (IST)
विकसित कालोनियों में मिल सकेंगी मूलभूत सुविधाएं
विकसित कालोनियों में मिल सकेंगी मूलभूत सुविधाएं

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : आमजन को आवश्यक सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने के लिए नगर पालिका व परिषद सीमा से बाहर व जिला नगर योजनाकार कार्यालय के नियंत्रित क्षेत्र में अवैध कालोनियों को नियमित करने की नीति की अधिसूचना जारी की है। जिला नगर योजनाकार सतीश पूनिया ने बताया कि यह नीति निकाय की सीमा से बाहर, निजी भूमि पर विकसित उन अवैध कालोनियों पर लागू होगी, जो एक जुलाई 2022 से पहले बनी हो। डीसी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन :

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डीटीपी ने बताया कि जारी अधिसूचना के तहत इस नीति का लाभ उठाने के लिए कालोनी काटने वाला व्यक्ति, पंजीकृत आरडब्ल्यूए व कोआपरेटिव सोसाइटी आवेदन कर सकते हैं। जिन कालोनियों के आवेदन प्राप्त होंगे। उनकी छंटनी के लिए डीसी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें डीटीपी, जिला परिषद के सीईओ, डीडीपीओ, पब्लिक हेल्थ, पीडब्ल्यूडी व पंचायती राज के एक्सईएन, जिला दमकल अधिकारी व डीसी कार्यालय से तहसीलदार को सदस्य बनाया है। आवेदन के लिए यह दस्तावेज जरूरी :

इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए मलकियत संबंधित सभी राजस्व दस्तावेज (जमाबंदी, इंतकाल, नकल रजिस्ट्री व सजरा), स्वामित्व के प्रमाण के साथ प्लाट धारक की सूची, कालोनी का ले-आउट व सर्वे प्लान व ले-आउट प्लान सेटेलाइट इमेज पर भी तैयार कराए, कालोनियों में गलियों की चौड़ाई तथा अन्य सुविधाओं का विवरण दर्शाना होगा। इन सभी दस्तावेजों की तीन प्रतियां व एक साफ्ट कापी में डीटीपी, झज्जर के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। अधिसूचना संबंधी किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए जिला नगर योजनाकार कार्यालय, यमुनानगर में संपर्क किया जा सकता है तथा उक्त नीति की प्रति विभाग की वेबसाइट टीसीपी हरियाणाडाट जीओवी डाटइन से प्राप्त की जा सकती है। कालोनियों का वर्गीकरण एवं मापदंड :

कालोनियों के वर्गीकरण एवं मापदंडों के बारे में जानकारी देते हुए डीटीपी सतीश पूनिया ने बताया अवैध कालोनियों को नियमित करने के लिए बिल्ट अप एरिया आधार पर चार श्रेणी बनाई गई है। वर्ग ए में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 25 प्रतिशत तक निर्धारित किया गया है, जिसमें न्यूनतम आंतरिक सड़क की चौड़ाई नौ मीटर, न्यूनतम पार्क/खुला क्षेत्र 5 प्रतिशत, अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र चार प्रतिशत होनी चाहिए। इसी प्रकार बी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 25-50 प्रतिशत तक, न्यूनतम आंतरिक सड़क की चौड़ाई छह मीटर, न्यूनतम पार्क एवं खुला क्षेत्र तीन प्रतिशत, अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र चार प्रतिशत होनी चाहिए। वहीं, सी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 50-75 प्रतिशत तक, न्यूनतम आंतरिक सडक़ की चौड़ाई छह मीटर तथा अधिकतम वाणिज्यिक क्षेत्र चार प्रतिशत होनी अनिवार्य है। इसी प्रकार डी वर्ग में न्यूनतम निर्मित क्षेत्र 75-100 प्रतिशत तक वाले एरिया में रोड की चौड़ाई छह मीटर व वाणिज्यिक एरिया चार प्रतिशत होना चाहिए।


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