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Azam Khan फिर कानूनी शिकंजे में फंसते जा रहे, 91 मुकदमे अदालतों में विचाराधीन

Azam Khan News समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं शहर विधायक आजम खां फिर कानूनी शिकंजे में फंसते जा रहे हैं। अब फिर उनके खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हो गए हैं जबकि पहले से ही 91 मुकदमे अदालतों में चल रहे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 10:56 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 10:56 AM (IST)
Azam Khan फिर कानूनी शिकंजे में फंसते जा रहे, 91 मुकदमे अदालतों में विचाराधीन
Azam Khan News : आजम खां रामपुर शहर से 10 बार विधायक चुने जा चुके हैं। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, रामपुर। Azam Khan News : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं शहर विधायक आजम खां फिर कानूनी शिकंजे में फंसते जा रहे हैं। अब फिर उनके खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हो गए हैं, जबकि पहले से ही 91 मुकदमे अदालतों में चल रहे हैं।

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आजम खां रामपुर शहर से 10 बार विधायक चुने जा चुके हैं। साल 2019 में वह पहली बार सांसद का चुनाव लड़े और जीत गए। इसके बाद उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर मुकदमे लिखे गए। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीने कब्जाने के भी 30 मुकदमे दर्ज हुए, जबकि यतीम खाना प्रकरण में 12 मुकदमे दर्ज हुए।

डूंगरपुर प्रकरण के 11 मुकदमों में भी वह आरोपित हैं। उनपर मकान तुड़वाने के साथ ही भैंस व बकरी चोरी के आरोप भी हैं। प्रशासन उन्हें भूमाफिया भी घोषित कर चुका है। सवा दो साल बाद मई माह में सीतापुर जेल से जमानत पर बाहर आए। अब फिर उनके खिलाफ मुकदमे के गवाहों को धमकाने के आरोप लगे हैं।

शहर के बेरियान मुहल्ले के नन्हे ने रिपोर्ट में कहा है कि वह एक मुकदमे में वादी है, इसमें आजम खां भी आरोपित हैं। 17 अगस्त को इस मामले में अदालत में सुनवाई थी। सुबह 9:30 बजे उनके आवास पर चार-पांच अज्ञात लोग आए और बोले,हमें पूर्व मंत्री आजम खां ने भेजा है। तुम्हें अदालत में आजम खां के खिलाफ गवाही नहीं देनी है।

अगर सही बात कही तो तुम्हारा अंजाम ठीक नहीं होगा। रिपोर्ट में कहा है कि इससे वह डर गया है। इसे पेश बंदी न समझा जाए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की है कि आजम खां के आतंक व दहशत की जांच कराई जाए। इसके अलावा अबरार हुसैन ने रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2019 में उनके द्वारा आजम खां के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया गया था।

इस मुकदमे की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। इस मुकदमे में उनकी गवाही होनी है। मंगलवार शाम को उनके घर पर आजम खां के करीबी अब्दुल परवेज शमसी, इरशाद महमूद और मोईन पठान चार-पांच लोगों को लेकर आए। उनके पास असलहे थे। उन्होंने जबरन घर में घुसकर गवाही न देने के लिए दबाव बनाया।

उनका कहना था कि सभी को आजम खां और मुरादाबाद जेल में बंद पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां ने भेजा है। मैंने गवाही से मुकरने से मना कर दिया। इस पर आरोपितों ने मुझे और मेरी पत्नी शुआले के साथ गाली गलौज की। जान से मारने की धमकी दी। पत्नी के शोर मचाने पर वे धमकी देते हुए चले गए।

जाते समय कह गए कि गवाही दी तो अंजाम बुरा होगा। उनका कहना है कि यदि उनके साथ कोई घटना होती है, उसकी जिम्मेदारी आजम खां व अन्य आरोपितों की होगी। इस मामले में आजम खां और अजहर खां को धारा 120 बी (षड्यंत्र रचने) का आरोपित बनाया है। अन्य आरोपितों के खिलाफ धमकाने की रिपोर्ट दर्ज की गई है।

क्या है यतीमखाना प्रकरण

वर्ष 2019 में शहर कोतवाली में यतीम खाना के 12 लोगों ने मुकदमे दर्ज कराए थे। उनके यतीमखाना में मकान थे, जिन्हें सपा शासनकाल में तोड़ दिया गया था। इसके बाद आजम खां के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने रामपुर पब्लिक स्कूल का निर्माण शुरू करा दिया। रिपोर्ट में मकान तोड़ने के साथ ही भैंस व बकरी चोरी के आरोप हैं।

क्या है डूंगरपुर प्रकरण

वर्ष 2019 में गंज कोतवाली में डूंगरपुर प्रकरण के 11 मुकदमे दर्ज हुए थे। डूंगरपुर बस्ती के लोगों का आरोप था कि सपा सरकार में उनके घरों को पालिका की जमीन पर होना दर्शाकर तोड़ दिया था। यहां आसरा आवास कालोनी बनवा दी गई थी। विरोध करने पर पीटा गया और लूटपाट भी की गई थी। इनमें आजम खां नामजद नहीं थे, पुलिस ने विवेचना में उन्हे आरोपित बना दिया था। इन मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में चल रही है।

सपा विधायकों ने एसपी से की शिकायत

आजम खां के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने पर सपा विधायक अब्दुल्ला आजम और नसीर अहमद खां ने बुधवार शाम पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला से मुलाकात की। इन संबंध में उन्हें प्रार्थना पत्र भी दिया, जिसमें कहा है कि आजम खां स्वास्थ्य खराब होने के कारण लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे।

तीन दिन पहले ही रामपुर आए हैं। उनके खिलाफ गवाहों को धमकाने की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आजम खां 10 बार विधायक चुने गए हैं। ये मुकदमे दर्ज कराकर न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जो बहुत दुखद व अन्यायपूर्ण है। इन मुकदमों की निष्पक्ष जांच कराकर निरस्त कराएं।


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