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बिना सीएलयू कृषि योग्य जमीन पर बसा दी एक और कालोनी

। डेढ़ साल पहले शहर में विकसित हुई 84 में से 79 अवैध कालोनियों में से नगर निगम एक भी कालोनी को रेगुलर नहीं करा पाई है

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 09:57 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 09:57 PM (IST)
बिना सीएलयू कृषि योग्य जमीन पर 
बसा दी एक और कालोनी
बिना सीएलयू कृषि योग्य जमीन पर बसा दी एक और कालोनी

जागरण संवाददाता.मोगा

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डेढ़ साल पहले शहर में विकसित हुई 84 में से 79 अवैध कालोनियों में से नगर निगम एक भी कालोनी को रेगुलर नहीं करा पाई है, इस बीच धड़ाधड़ अवैध कालोनियां सामने आती जा रही हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार दो दिन की छुट्टी का फायदा उठाकर कोटकपूरा बाईपास रोड जगदेव सिंह नगर में अवैध कालोनी काट दी गई। कृषि योग्य जगह में सीएलयू के बिना छुट्टी के दिनों में जेसीबी मशीनें लगाकर रातों रात प्लाट विकसित कर दिए गए।

इस मामले की सूचना मिलने के बाद निगम कमिश्नर ज्योति बाला ने एमटीपी विनोद कुमार को जांच के निर्देश दिए। इसके बाद बिल्डिंग ब्रांच के दो इंस्पेक्टर बुधवार को मौके पर पहुंचे, उन्होंने शिकायतकर्ता के साथ बात करने के बाद ये कहकर चले आए कि कालोनी बना रहे व्यक्ति को नोटिस देकर काम रुकवा दिया जाएगा। बिल्डिग इंस्पेक्टर जैसे ही वहां से वापस लौटे, आधा घंटे बाद फिर से कालोनाइजर के लोगों ने अपना काम शुरू कर दिया था। क्या है स्थिति

नगर निगम ने राजस्व विभाग को एक साल पहले नगर निगम क्षेत्र में अवैध कालोनियों की जो सूची सौंपी थी, उसमें शहर में विकसित उस समय 84 में से 79 अवैध कालोनियां थीं, एक साल में निगम एक भी कालोनी को रेगूलर नहीं कर सका है, इस दौरान करीब 18-20 और अवैध कालोनियां विकसित हो चुकी हैं। एक कालोनी तो शहर के भीड़ भरे इलाके में बन रही है, जिसके तीन प्लाट के एग्रीमेंट भी हो चुके हैं, निगम के अधिकारी तीन महीने पहले मौका देख चुके हैं, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई। ये है जमीनी हकीकत

आम आदमी को ढाई मरले के प्लाट की एनओसी लेने में पसीने छूट जाते हैं, लेकिन जो अवैध रूप से बड़ी कालोनियां बसाने वाले व कामर्शियल काम्पलेक्स बनाने वालों के साथ पहले विजिट में ही सीधा समझौता हो जाता है कि पहले बिल्डिग बना लें, नियमानुसार निर्माण के दौरान जगह छुड़वा दी जाती है, उसके फोटो व डाक्यूमेंट निगम के रिकार्ड में लग जाते हैं, बाद में छोड़ी गई जगह को कवर कर लिया जाता है, शिकायत होने पर कंपाउंडिग फीस वसूल कर मामले को खत्म कर दिया जाता है, लेकिन इस कथित समझौते में निगम को हर साल कई करोड़ का चूना लगता लग रहा है, शहर की चौड़ी सड़कें अंदरखाते चल रहे इसी खेल के चलते संकुचित होती जा रही हैं। गांधी रोड पर इस समय सात कामर्शियल बिल्डिग बन रही हैं, जिनके आगे पहले नियमानुसार आठ फीस जगह छुड़वा, नक्शा व फोटो निगम के रिकार्ड में लगने के बाद बाद में छोड़ी जगह पर निर्माण कर लिया गया। सीधी बात

ज्योति बाला, निगम कमिश्नर, मोगा

सवाल-पिछले दो दिन में शहर में विकसित हुई अवैध कालोनी के मामले में शिकायत मिली?

जबाव-हां शिकायत मिली है, उसकी जांच एमटीपी को सौंप दी है।

सवाल-एमटीपी तो अक्सर मोगा में होते ही नहीं हैं?

जवाब -आज नहीं थे, हाई कोर्ट में गए थे।

सवाल-गांधी रोड पर इस समय भी सात कामर्शियल कांप्लेक्स बन रहे हैं, छोड़ी गई जगह कवर कर ली गई है, पार्किंग की जगह नहीं है, शहर की सबसे चौड़ी जगह संकरी होती जा रही है?

जवाब-अभी पूरा स्टाफ नया है।

सवाल-कब तक स्टाफ नया रहेगा, पोस्टिंग हुए एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है।

जवाब- जल्द बैठक बुलाकर इसकी समीक्षा करेंगे।


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