मेरठ में हेल्परों ने वाहन डिपो पर जड़ा ताला, 43 वार्डों में नहीं हुआ कूड़ा उठान
मेरठ नगर निेगम के अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि बीवीजी कम्पनी के वाहन चालकों ने रक्षाबंधन हड़ताल की थी। अब उसके हेल्परों ने हड़ताल की है यह अनुबंध की शर्तों के प्रतिकूल है। हड़ताल कर कूड़ा उठान व्यवस्था को ठप करने का काम किया गया है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। वेतन न मिलने से गुस्साए बीवीजी कम्पनी के हेल्परों ने बुधवार सुबह हड़ताल कर दी। उन्होंने सूरजकुंड वाहन डिपो के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। इस हंगामे की वजह से 43 वार्डो का कूड़ा उठान नहीं हुआ। इस मामले में नगर निगम ने तहरीर दी है।
भाजपा पार्षद ने किया समर्थन
क्षेत्रीय भाजपा पार्षद नीरज सिंह भी हेल्परों को वेतन भुगतान की मांग के समर्थन में पहुंच गए। हेल्परों के साथ मुख्य गेट के बाहर सड़क पर धरना शुरू कर दिया। सड़क पर जाम लगने और हंगामे की सूचना पर सिविल लाइंस थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई। इसी बीच अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार और पशु चिकित्सा एवम कल्याण अधिकारी डा. हरपाल भी पहुंच गए। नगर निगम अधिकारियों और पुलिस ने सूरजकुंड वाहन डिपो के मुख्य गेट का ताला खोलने के लिए। इसे लेकर क्षेत्रीय पार्षद हेल्परों और अफसरों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बाद में एक सप्ताह में वेतन भुगतान किए जाने के आश्वासन पर गेट का ताला खोला गया। करीब तीन घण्टे हंगामा और धरना प्रदर्शन चला।
नगर निगम ने की सख्ती
इसे लेकर नगर आयुक्त डॉ अमित पाल शर्मा ने सख्त कदम उठाया। बीवीजी कम्पनी के प्रोजेक्ट हेड सलिल शैल और क्षेत्रीय पार्षद नीरज सिंह के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी है। निगम ने इस पूरे मामले में अपने कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाने का आरोप बीवीजी कम्पनी पर लगाया है। साथ ही क्षेत्रीय पार्षद के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन करने, सूरजकुंड वाहन डिपो के गेट पर ताला लगाकर सरकारी कार्य मे बाधा डालने का आरोप भी लगाया है।
रक्षाबंधन पर की थी हड़ताल
अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार ने कहा कि बीवीजी कम्पनी के वाहन चालकों ने वेतन को लेकर रक्षाबंधन पर्व पर हड़ताल की थी। अब उसके हेल्परों ने हड़ताल की है जो अनुबंध की शर्तों के प्रतिकूल है। हड़ताल कर कूड़ा उठान व्यवस्था को ठप करने का काम किया गया है। लगातार बीवीजी कम्पनी को नोटिस दिया जा रहा था कि अपनी व्यवस्था सुधार लें। क्षेत्रीय पार्षद को वाहन डिपो के गेट पर ताला लगाकर नहीं बैठना चाहिए था। डिपो के अंदर निगम के कर्मचारी भी मौजूद थे। इस हंगामे की वजह से 43 वार्डो का कूड़ा उठान नहीं हुआ। जबकि वाहन चालक कूड़ा गाड़ी ले जाने को तैयार थे।