NSS Conference 2022: अमित शाह के निर्देश- सीमावर्ती जनसांख्यिकी परिवर्तन पर नजर रखें राज्यों के डीजीपी
अमित शाह ने बैठक को संबोधित करते हुए सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों को साफ कर दिया कि सिर्फ जानकारी जुटाना ही अहम नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उस जानकारी को समय पर संबंधित एजेंसियों के साथ शेयर करना और उस पर कार्रवाई सुनिश्चित करना भी जरूरी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकी परिवर्तन पर नजर रखने का निर्देश दिया है। उनके अनुसार सीमावर्ती इलाकों में जनसांख्यिकी परिवर्तन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। इस पर समय रहते नियंत्रण बहुत जरूरी है। इसके साथ ही पुलिस महानिदेशकों व सुरक्षा एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों पर दो दिन की बैठक में देश में लांच हो रहे 5जी तकनीक और उससे राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने आने वाली चुनौतियों व निपटने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने बैठक को संबोधित करते हुए सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों को साफ कर दिया कि सिर्फ जानकारी जुटाना ही अहम नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उस जानकारी को समय पर संबंधित एजेंसियों के साथ शेयर करना और उस पर कार्रवाई सुनिश्चित करना भी जरूरी है। सुरक्षा के लिए इंटरनेट पर होने वाली गतिविधियों की निगरानी बहुत जरूरी है। इससे ह्यूमन इंटेलीजेंस की अहमियत कम नहीं हुई है।
अमित शाह ने कहा कि हमें ह्यूमन इंटेलीजेंस जुटाने की कोशिश भी जारी रखनी चाहिए। अगले कुछ महीने में देश में 5जी सेवाएं लांच होने जा रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इसका इस्तेमाल देश विरोधी और आपराधिक ताकतें भी कर सकती हैं। 5जी के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उत्पन्न खतरे और उससे निपटने के लिए की जाने वाली तैयारियों पर दो दिन की बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। माना जा रहा है सुरक्षा एजेंसियों को मौजूदा 4जी के दौर की तुलना में 5जी के दौर में 10 गुना से अधिक डाटा का विश्लेषण करना होगा और इसके लिए नई तकनीक, उपकरण और प्रशिक्षण की जरूरत पड़ेगी। सुरक्षा एजेंसियों को इसके लिए तैयारी शुरू करने के लिए कह दिया गया है।
मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा बहुत अहम
अमित शाह ने बैठक में भाग ले रहे सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े 600 से अधिकारियों के संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा बहुत अहम है। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि नक्सलवाद, आतंकवाद और पूर्वोत्तर भारत में उग्रवादी हिंसा अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। मोदी सरकार सुरक्षा एजेंसियों को नई चुनौतियों से निपटने के लिए नई तकनीक से भी लैस करती रही है। उन्होंने पुलिस महानिदेशकों को इन तकनीकों को निचले स्तर पर पहुंचाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार नेशनल आटोमैटिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम विकसित किया गया है। जिससे अपराधियों की पहचान बहुत आसान हो जाएगी। इसे भी निचले स्तर तक पहुंचाने की उन्होंने जरूरत बताई।
ड्रग्स की तस्करी के ढांचे को ध्वस्त करने की जरूरत
गृह मंत्री ने देश में ड्रग्स तस्करों के खिलाफ हो रही कार्रवाई और बड़ी मात्रा में ड्रग पकड़े जाने को लेकर एजेंसियों की तारीफ की और आगाह भी किया कि सिर्फ बरामदगी काफी नहीं है, बल्कि पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना होगा। इसके लिए उन्होंने जिला स्तर पर नारकोटिक्स कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक लगातार सुनिश्चित करने की बात कही।