Allahabad High Court आदेश का पालन नहीं करने पर सख्त, प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास अदालत में तलब
हाई कोर्ट ने मनरेगा स्कीम के तहत कार्यरत कंप्यूटर आपरेटरों के मानदेय में उचित वृद्धि पर विचार करने के लिए कमेटी गठित कर उसकी रिपोर्ट आठ हफ्ते में कोर्ट में दाखिल करने तथा कोर्ट को सहयोग के लिए प्रमुख सचिव को सुनवाई के समय मौजूद रहने का निर्देश दिया था
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास विभाग उत्तर प्रदेश को 18 अगस्त को 10 बजे अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने मनरेगा स्कीम के तहत कार्यरत कंप्यूटर आपरेटरों के मानदेय में उचित वृद्धि पर विचार करने के लिए कमेटी गठित कर उसकी रिपोर्ट आठ हफ्ते में कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया था, साथ ही कोर्ट को सहयोग के लिए प्रमुख सचिव को सुनवाई के समय मौजूद रहने का निर्देश दिया था मगर इसका पालन नहीं किया गया।
प्रमुख सचिव ने न तो कोई रिपोर्ट पेश की और न खुद हाजिर हुए
इस पर हाई कोर्ट ने कहा ऐसा लगता है प्रमुख सचिव ने आदेश का पालन नहीं किया। न तो कोई रिपोर्ट पेश की और न ही हाजिर हुए। यह कोर्ट की अवमानना है जिस पर उन्हें तलब किया गया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कंप्यूटर आपरेटर एवं लेखपाल कल्याण एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर दिया है।
पंचायत राज कार्य विभाग के कनिष्ठ अभियंताओं के समान वेतन भत्ते दिए जायं
याचियों का कहना था कि अन्य राज्यों में बेहतर मानदेय दिया जा रहा है। उनके काम के अनुसार लोक निर्माण विभाग व पंचायत राज कार्य विभाग के कनिष्ठ अभियंताओं के समान वेतन भत्ते दिए जाय। कोर्ट ने इस मांग को अस्वीकार करते हुए नयी कमेटी गठित कर निर्णय लेने व रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था जिसका पालन न करने पर कोर्ट ने अब यह कड़ा रूख अपनाया है।