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West Bengal: सुंदरवन की लवण-युक्त मिट्टी में अब उपजेगी भरपूर फसल

स्थानीय किसानों को सरकार की ओर से दिया जा रहा विशेष प्रकार का नोना स्वर्ण धान पिछले कुछ वर्षों में इस इलाके में आए चक्रवाती तूफानों के बाद हमने यहां प्रयोगात्मक तौर पर नोना स्वर्ण धानÓ का इस्तेमाल किया था।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 04:31 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 04:36 PM (IST)
West Bengal: सुंदरवन की लवण-युक्त मिट्टी में अब उपजेगी भरपूर फसल
West Bengal: सुंदरवन की लवण-युक्त मिट्टी में अब उपजेगी भरपूर फसल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव फारेस्ट सुंदरवन की लवण-युक्त मिट्टी में अब भरपूर फसल लहलहाएगी। वहां के किसानों को राज्य सरकार की ओर से विशेष प्रकार का 'नोना स्वर्ण धानÓ दिया जा रहा है, जिसकी लवण-युक्त मिट्टी में भी भरपूर उपज होती है। भारी बारिश व उच्च ज्वार के कारण सुंदरवन के कृषि इलाकों में नदियों का खारा पानी घुस गया है।

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सुंदरवन विकास मंत्री बंकिम हाजरा ने कृषि व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ वर्षा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान कृषि विभाग की ओर से प्रभावित किसानों को नोना स्वर्ण धान दिया गया, जिससे लवण-युक्त मिट्टी में भी भरपूर खेती हो सकती है। उन्हें इसकी खेती के तरीके के बारे में भी बताया गया।

गौरतलब है कि सुंदरवन में यह समस्या वर्षों पुरानी है। हर साल बारिश के समय नदियों का खारा पानी कृषि भूमि में घुस आता है इसलिए वहां अब विशेष प्रकार के धान की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस इलाके में आए चक्रवाती तूफानों के बाद हमने यहां प्रयोगात्मक तौर पर 'नोना स्वर्ण धानÓ का इस्तेमाल किया था। उसके काफी बेहतर नतीजे मिले, जिसके बाद बारिश के समय भी इसका प्रयोग किया जा रहा है।

दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव फारेस्ट सुंदरवन की लवण-युक्त मिट्टी में अब भरपूर फसल लहलहाएगी। सुंदरवन के किसान बारिश की वजह से नष्ट हुई अपनी कृषि भूमि पर नए सिरे से खेती कर पा रहे हैं। बुवाई के डेढ़ सौ दिनों के अंदर इसकी कटाई की जा सकती है। नोना स्वर्ण धान की लूना, सुवर्ण, लूनिश्री, कैनिंग-7, हैमिल्टन और दूधेश्वर नामक प्रजातियां हैं।

बारिश की वजह से टूटे नदी तटबंधों की मरम्मत की जा रही है। होगोल नदी पर बने तटबंध में 800 मीटर तक दरार देखी गई है, जिससे कई गांवों में पानी घुस रहा है। 


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