75 Years of Independence : शाहजहांपुर की बेटी ने 'क्रासिंग द लाइन' में उकेरा भारत विभाजन त्रासदी का दर्द
Shahjahanpur 75 Years Of Independence यूपी के शाहजहांपुर की बेटी अनीता बरार ने भारत विभाजन की त्रासदी को डाक्यूमेंट्री फिल्म के जरिए उकेरा है। उन्होंने क्रासिंग द लाइन फिल्म बनाकर उस दौर के दर्द को बयां किया है।
शाहजहांपुर, नरेंद्र यादव। 75 Years of Independence : पाकिस्तान के दादू शहर से पलायन कर परिवार के साथ शाहजहांपुर पहुंचे ईश्वर चंद कक्कड़ की बेटी अनिता बरार आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाकर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दे रही हैं।
वह भी भारत विभाजन विभीषिका की व्यथा को बयां करने वाली ''क्रासिंग द लाइन'' (Crossing The Line) वृत्तचित्र फिल्म प्रदर्शन के साथ...। 2007 में अनिता ने इस फिल्म का निर्माण किया। अब तक कई देशों में प्रदर्शित फिल्म को सराहना की मिल चुकी है। विभाजन स्मृति दिवस पर इस फिल्म का सिडनी में प्रदर्शन किया जा रहा है।
14 अगस्त 1947 को लाखों लाशों के ढेर पर हिंदुस्तान के दो टुकड़े हो गए। विभाजन में तमाम लोग पाकिस्तान से भारत आते समय मार दिए गए। बड़ी संख्या में लोग भारत से पाकिस्तान जाते समय दंगाइयों का शिकार बने। विभाजन के दाैरान शाहजहांपुर में भी सैकड़ों सिख, सिंधी व पंजाबी परिवार पाकिस्तान से यहां आए।
रेल कर्मी ईश्वर चंद कक्कड़ चार बेटो के साथ पाकिस्तान के दादू शहर से दिल्ली पहुंचे। करीब डेढ़ माह शरणार्थी शिविर में रहे। शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर नियुक्ति मिलने पर उन्होंने लाला तेली बजरिया में मकान बना लिया। यहां बेटी सरोज व अनिता का जन्म हुआ।
अनीता ने आर्य कन्या स्कूल से इंटर, जीएफ कालेज से बीएससी तथा आगरा विश्वविद्यालय (Agra University) से परास्नातक की पढ़ाई की। बैंक कर्मी बहन सरोज की प्रेरणा पर अनीता ने बैंक में नौकरी कर ली। इंडियन आयल कारपोशन अधिकारी वीरेंद्र बरार से शादी के बाद वह आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में बस गईं।
बड़े भाई ओमप्रकाश कक्कड़ यूएसए, आनंद स्वरूप दिल्ली, सतीश चंद्र मुंबई तथा सुभाष चंद्र कक्कड़ कोलकाता में बस गए। नतीजतन उनके स्वजनों ने 80 के दशक में यहां बना घर बेच दिया। हिंदी, अंग्रेजी समेत कई भाषाओं पर पकड़ रखने वाली अनिता बरार वर्तमान में आस्ट्रेलिया में स्पेशल ब्राडकास्टिंग सर्विस (Broadcast Service) में हिंदी रेडियो प्रोड्यूसर हैं।
फिल्म निर्माता निर्देशक, लेखक, नाटककार व कवि के रूप में उनकी पहचान है। शाहजहांपुर की बेटी अनिता बरार ने क्रासिंग द लाइन डाक्यूमेंट्री फिल्म (Documentary Film) में सिडनी में बसे भारत व पाकिस्तान मूल के पलायनित परिवारों की बातचीत के साथ विभाजन की त्रासदी की व्यथा को उकेरकर शांति का संदेश देने का प्रयास किया है।