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सहयोग से समाधान: ग्राहकों को सहेजा गहने जैसा, चमका कारोबार

बहुत थोड़ी पूंजी से आर्टिफिशियल गहने और सौंदर्य प्रसाधन का काम शुरू करने वाले वसुंधरा सेक्टर दस निवासी महेंद्र कुमार आज दूसरे कारोबारियों के लिए प्रेरणा हैं। मेहनत लगन और ग्राहकों की संतुष्टि से कारोबार में इजाफा हुआ तो किराए की दुकान को ही खरीद लिया।

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 12:39 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 06:28 PM (IST)
सहयोग से समाधान: ग्राहकों को सहेजा गहने जैसा, चमका कारोबार
Focus on Customer Gives Tremendous Boost to Devik Bangles of Vasundhra, Know Full Story

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। बहुत थोड़ी पूंजी से आर्टिफिशियल गहने और सौंदर्य प्रसाधन का काम शुरू करने वाले वसुंधरा सेक्टर दस निवासी महेंद्र कुमार आज दूसरे कारोबारियों के लिए प्रेरणा हैं। मेहनत, लगन और ग्राहकों की संतुष्टि से कारोबार में इजाफा हुआ तो किराए की दुकान को ही खरीद लिया। काम बढ़ा तो दूसरी दुकान भी ले ली। लॉकडाउन में दुकान पूरी तरह बंद रही तो आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी। ऐसे में बेटे शंकर शर्मा (हैप्पी) ने ग्राहकों को खरीददारी करने पर आकर्षक उपहार देने की योजना बनाई। इससे ग्राहक बढ़े और काम दोबारा पटरी पर आ गया। नवरात्र में उन्होंने विशेष पूजा किट तैयार की है। इससे ग्राहकों का समय तो बच ही रहा है, कोरोना काल में खरीददारी सुविधाजनक भी हो गई है।

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रिटायरमेंट के बाद शुरू किया काम, बनाया नाम

मूलरूप से दिल्ली के जगतपुरी के रहने वाले महेंद्र कुमार की वसुंधरा सेक्टर 11 किसान चौक पर देविक बैंगल्स और आर्टिफिशियल ज्वैलरी के नाम से दुकान है। वह नई दिल्ली नगर निगम के कमर्शियल विभाग में मीटर इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हैं। वर्ष 2016 में रिटायरमेंट के बाद उन्होंने थोड़ी-सी पूंजी से आर्टिफिशियल गहने व सौंदर्य प्रसाधन की दुकान शुरू की। उनके बेटे हैप्पी ने स्नातक की पढ़ाई के बाद काम में हाथ बंटाना शुरू कर दिया। इसके बाद काम आगे बढ़ा, किराए की दुकान को ही खरीद लिया गया। भारत के विभिन्न राज्यों से हाथ व मशीन के बने बेहद आकर्षक आर्टिफिशियल गहने भी मंगवाए गए। ग्राहकों को आकर्षक उपहार भी देना शुरू किया। इससे ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी। आइए जानते हैं कि उन्होंने कोरोना काल में कोराबार को कैसे संभाला। 

समाधान 1- आपदा में अवसर तलाशा, ग्राहकों पर दिया ध्यान

लॉकडाउन के दौरान दुकान बंद रही। लॉकडाउन के बाद भी लोग नहीं आ रहे थे। ऐसे में ग्राहकों पर ध्यान दिया गया। खरीददारी पर आकर्षक उपहार देना शुरू किया गया। इससे ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ। कोरोना की इस आपदा को उन्होंने अवसर बनाया। नवरात्र से पहले उन्होंने माता के श्रृंगार की टोकरी और नवरात्र पूजा किट तैयार की है। इससे ग्राहकों का कोरोना काल में समय भी बच रहा है और कई चीजों को छूने से आजादी मिल रही है। दिसंबर से शादियां शुरू हो रही हैं, इस दौरान उन्हें काम में तेजी आने की उम्मीद है। 

समाधान 2: लोग बढ़ाए, तो काम भी बढ़ा 

उन्होंने दुकान पर नए कर्मचारी रखे। इसके पीछे उनका उद्देश्य रोजगार देने के साथ पिता को आराम देना भी था। हैप्पी की पत्नी भी काम में मदद करती हैं। उन्होंने आसपास के सेक्टरों में होम डिलीवरी शुरू कर दी। वह दोनों कर्मचारियों से होम डिलीवरी भी करवाते हैं, जिससे ग्राहकों को भी सुविधा मिलने लगी। ऑनलाइन खरीददारी करने वाले ग्राहक भी जुड़ते जा रहे हैं। 

समाधान 3: ग्राहकों की संतुष्टि आई काम

ग्राहकों की संतुष्टि ही उनकी सबसे बड़ी कमाई है। खोड़ा, इंदिरापुरम, वसुंधरा, वैशाली, राज नगर एक्सटेंशन समेत अन्य इलाकों से ग्राहक उनके यहां खरीददारी करने आते हैं। दुकान के बाहर उन्होंने सैनिटाइजर रखा हुआ है, जिससे दुकान में आने-जाने वाले ग्राहक हाथ सैनिटाइज कर सकें। ग्राहकों और स्टाफ को कोरोना संक्रमण से बचाए रखने के लिए उन्होंने ये व्यवस्था कर रखी है।


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