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जानिए किस समय उगानी चाहिए आलू की फसल, किस विधी का करें इस्तेमाल

सबसे ज्यादा खाई जानी वाली सब्जियों में आलू सबसे पहले स्थान पर आता है। इसे हम किसी ना किसी सब्जी के साथ बनाते ही हैं। ऐसे में किसानों के लिए इसकी फसल सबसे अहम फसलों में से एक मानी जाती है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 07:47 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 07:47 PM (IST)
जानिए किस समय उगानी चाहिए आलू की फसल, किस विधी का करें इस्तेमाल
आलू की फसल के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। सबसे ज्यादा खाई जानी वाली सब्जियों में आलू सबसे पहले स्थान पर आता है। इसे हम किसी ना किसी सब्जी के साथ बनाते ही हैं। ऐसे में किसानों के लिए इसकी फसल सबसे अहम फसलों में से एक मानी जाती है। आमतौर पर सितंबर महीने से ही रबी फसलों की तैयारी शुरू हो जाती है। इस सीजन की सबसे प्रमुख फसलों में से एक आलू भी है। यही सीजन आलू की बुआई का सबसे सही समय माना जाता है। कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि अक्टूबर से लेकर मार्च तक लंबी रात्री और छोटे दिन आलू के बढ़ने और बनने में मददगार साबित होते हैं। हालांकि उचित जलवायु व्यवस्था होने के कारण भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग समय में पूरे साल ही आलू की खेती की जाती है। मैदानी भागों में इसे रबी के सीजन में उगाया जाता है।

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किसानों के लिए इस बुआई से पहले फसल उगाने से संबंधित हर जानकारी हासिल करना जरूरी है, जिसे भविष्य में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए काफी अहम माना जाता है। जैसे कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि आलू की खेती करते समय उसकी सबसे बेहतर किस्म की जानकारी जरूर होनी चाहिए। अधिकतर किसान झुलसा अवरोधी किस्मों को ही बेहतर मानते हैं। आलू की खेती करने के लिए उसकी विधि पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि सही विधि ही सही फसल के लिए जिम्मेदार होती है।

आलू उगाने की विधि की बात करें तो अगर आलू के पौधों में कम दूरी रखी जाए, तो रोशनी, पानी और पोषक तत्वों को उन तक पहुंचने में दिक्कत आती है, जिसके कारण आलू का माप छोटा रह जाता है। इसके अलावा अगर अधिक दूरी रखी जाए तो प्रति हेक्टेयर में पौधों की संख्या कम हो जाती है। इसलिए जब भी आलू उगाएं तो कतारों और पौधों की दूरी में संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है। इससे फिर ना तो उपज कम होती है और ना ही आलू छोटे पैदा होते हैं। आलू की खेती के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि उचित माप के लिए बीज की पंक्तियों में 50 सेमी का अंतर होना चाहिए। इसके साथ ही पौधों में भी न्यूनतम 20 से 25 सेमी की दूरी होनी चाहिए। खेती के दौरान सबसे जरूरी बात है सिंचाई, आलू की खेती के समय हल्की लेकिन कई सिंचाई की जरूरत पड़ती है। हालांकि खेत में पानी नहीं भरा होना चाहिए। पहली सिंचाई तब होती है, जब अधिकांश पौधे उग जाते हैं। दूसरी सिंचाई तब होती है जब आलू बनने की अवस्था चल रही होती है।

(यह आर्टिकल ब्रांड डेस्‍क द्वारा लिखा गया है।)


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