Move to Jagran APP

सियासी दल व मजदूर यूनियनें भी अप्रेंटिसों को देती रहीं हवा

नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद 2016 से इन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 10:54 AM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 10:54 AM (IST)
सियासी दल व मजदूर यूनियनें भी अप्रेंटिसों को देती रहीं हवा
सियासी दल व मजदूर यूनियनें भी अप्रेंटिसों को देती रहीं हवा

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। रेल अप्रेंटिसों के आंदोलन को सियासी दलों और रेल मजदूर यूनियनों ने हवा दी। राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता आंदोलन स्थल पर मौजूद थे। रेलवे अप्रेंटिस रहे युवा रेलवे भर्तियों में अपने समायोजन की मांग कर रहे थे। रेलवे में 90 हजार से अधिक भर्तियां होने जा रही हैं। जिसमें 20 फीसद कोटा इन प्रशिक्षुओं के लिए निर्धारित किया गया है। 

loksabha election banner

12 से 15 हजार प्रशिक्षुओं के समायोजित हो जाने की भी संभावना है। ऐसे प्रशिक्षुओं को ग्रुप डी की नौकरियों के आवेदन में उम्र सीमा में उतनी अवधि की छूट दी गई है जितना समय उन्होंने रेल विभाग में प्रशिक्षु के रूप में गुजारा है। ऐसे प्रशिक्षुओं को वर्कशॉप में मैकेनिकल आदि विभागों में वेल्डर, फिटर जैसे कामों की ट्रेनिंग दी जाती है। प्रशिक्षण के दौरान रेलवे इन्हें कुछ भुगतान भी करता है। लेकिन प्रशिक्षु के रूप में लेते समय विभाग उनसे नौकरी का वादा नहीं करता है। नौकरियों के लिए भर्ती होने के दौरान उन्हें भी सामान्य प्रत्याशियों की तरह परीक्षाएं एवं साक्षात्कार देने होते हैं। लेकिन इनके लिए कुछ फीसद आरक्षण भी होता है। कुछ वर्ष पहले तक

रेलवे महाप्रबंधक अपने विवेकाधीन कोटे से इन प्रशिक्षुओं अथवा किसी भी व्यक्ति को छोटी-मोटी नौकरियों पर रख सकते थे। लेकिन ऐसी नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद 2016 से इन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.